
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खतरनाक होते वायु प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार, चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय और निजी ऑफिस 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करेंगे और बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे। सोमवार को इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है।
यह निर्देश पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा पांच के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी में संचालित सभी दिल्ली सरकार के कार्यालयों और निजी प्रतिष्ठानों को जारी किया गया है। सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष नियमित रूप से कार्यालय आएंगे, और 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी कार्यालय में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं होंगे। शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे। दिल्ली में संचालित सभी निजी कार्यालय 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ संचालित होंगे। शेष कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से घर से काम करना होगा।
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वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को भी ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब रही। शहर का समग्र एक्यूआई 382 रहा, जबकि 15 निगरानी केंद्रों ने 400 अंक से अधिक रीडिंग दर्ज की। सोमवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 382 पर पहुंच गया, जो लगातार 11वें दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को औसत एक्यूआई 391, शनिवार को 370, शुक्रवार को 374, गुरुवार को 391, बुधवार को 392, मंगलवार को 374 और सोमवार को 351 रहा।
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दिल्ली के सभी निगरानी स्टेशनों से वास्तविक समय की रीडिंग प्रदर्शित करने वाले सीपीसीबी के समीर ऐप ने दिखाया कि 38 चालू केंद्रों में से 15 ने सोमवार को वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया। इनमें आईटीओ, पंजाबी बाग, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, रोहिणी, विवेक विहार, नरेला, बवाना और अन्य स्टेशन शामिल हैं जहां एक्यूआई का स्तर 400 का आंकड़ा पार कर गया। सीपीसीबी मानकों के अनुसार, 0-50 के बीच एक्यूआई 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और 401-500 'गंभीर' होता है।
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इस बीच, पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) ने अनुमान लगाया कि सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का योगदान 21.6 प्रतिशत था, जिससे यह सबसे बड़ा प्रदूषक स्रोत बन गया, जबकि पराली जलाने से 1.8 प्रतिशत प्रदूषण हुआ। मंगलवार के लिए ये योगदान क्रमशः 21 प्रतिशत और 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रविवार को उपग्रह से प्राप्त चित्रों में पंजाब में तीन, हरियाणा में एक तथा उत्तर प्रदेश में 522 खेतों में आग लगने की घटनाएं सामने आईं।
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इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से 0.6 डिग्री अधिक 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंगलवार के लिए आईएमडी ने मध्यम कोहरे का अनुमान जताया है, अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 24 डिग्री सेल्सियस और नौ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
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