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अफगान राष्ट्रपति गनी नोटों से भरे 4 कार और एक हेलीकॉप्टर लेकर भागे, काबुल में रूसी दूतावास ने किया दावा

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने राष्ट्रपति गनी और उनके सहयोगियों पर इशारों में हमला बोला है। मोहम्मदी ने ट्वीट में कहा कि उन्होंने हमारे हाथों को हमारी पीठ के पीछे बांध दिया और मातृभूमि को बेच दिया, अमीर आदमी और उसके गिरोह को धिक्कार है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया Asif Suleman Khan

काबुल में रूसी दूतावास ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी नकदी से भरे चार कारों और एक हेलीकॉप्टर लेकर देश से भाग गए हैं। आरआईए समाचार एजेंसी ने रूसी दूतावास के हवाले से यह दावा किया कि उन्हें कुछ पैसे वहीं पर छोड़ने पड़े, क्योंकि वह कारों और हेलीकॉप्टर में फिट नहीं हो रहे थे।

काबुल स्थित रूसी दूतावास में प्रवक्ता निकिता इशचेंको ने आरआईए के हवाले से कहा, "चार कारें नोटों से भरी थीं। उन्होंने पैसे के दूसरे हिस्से को हेलीकॉप्टर में भरने की कोशिश की, लेकिन वह सब फिट नहीं हो सका। इसलिए उनमें से कुछ पैसा तो टरमैक पर पड़ा रह गया। अल जजीरा ने बताया है कि निकिता इशचेंको ने अपनी जानकारी के स्रोत के रूप में गवाहों का हवाला देते हुए एक वैश्विक न्यूज वायर पर अपनी टिप्पणियों की पुष्टि की है।

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इस बीच अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने एक ट्वीट में राष्ट्रपति गनी और उनके सहयोगियों पर इशारों में हमला बोला है। मोहम्मदी ने ट्वीट में कहा कि 'उन्होंने हमारे हाथों को हमारी पीठ के पीछे बांध दिया और मातृभूमि को बेच दिया, अमीर आदमी और उसके गिरोह को.. धिक्कार है।'

वहीं, अफगानिस्तान के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने एक वीडियो क्लिप में कहा है कि गनी ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि गनी ने अफगानिस्तान के लोगों को संकट और दुख में छोड़ दिया है, लेकिन उन्हें राष्ट्र द्वारा आंका जाएगा।

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इस बीच वीओए ने बताया कि राष्ट्रपति गनी, अपने उपाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रविवार को देश से बाहर चले गए और इस प्रकार से उन्होंने तालिबान विद्रोहियों के लिए अफगानिस्तान में सत्ता हासिल करने के लिए मंच तैयार कर दिया है। 20 साल पहले अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य आक्रमण ने तालिबान को हटा दिया था, जिसके बाद उन्हें एक बार फिर से सत्ता में आने का मौका मिल गया है।

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काबुल में इन खबरों पर गनी या उनके संकटग्रस्त प्रशासन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। शनिवार को एक रिकॉर्ड किए गए संदेश में, गनी ने राष्ट्र को बताया था कि वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों दिग्गजों के साथ स्थिति पर परामर्श कर रहे हैं। वहीं अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे भी गनी और अन्य लोगों के साथ ही देश छोड़कर निकल चुके हैं, ने एक ट्वीट में तालिबान के सामने नहीं झुकने की कसम खाई, लेकिन उन्होंने संदेश में उनके देश छोड़ने की खबरों का जवाब नहीं दिया।

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