हरियाणा में विधायकों को धमकी मिलने का ममला बेहद गंभीर हो गया है। बेटे की लाश भेजने की धमकी के बाद परेशान होकर सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पवार के अचानक इस्तीफे की खबर से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। यह धमकी कई देशों से उन्हें मिल चुकी है। इससे पहले आधा दर्जन विधायकों को फिरौती और जान से मार देने की धमकी मिलने के बाद कांग्रेस विधायक राज्यपाल से अपनी सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं।
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हालांकि, सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पवार ने अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए 14 जुलाई को ही विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था। इसके बाद विस से उनकी व्यक्तिगत तौर पर आकर मिलने की बात हुई थी। लेकिन इस्तीफे की खबर आज निकलकर आई। सुरेंद्र पवार का कहना है कि परिवार को धमकियां मिल रही हैं। बेटे को मारने की धमकी मिली। कहा गया कि बेटे की लाश भेजे रहे हैं। इस हालत में क्या करते। लिहाजा, परेशान होकर इस्तीफा भेज दिया। समझाने पर आज देर शाम कांग्रेस के कई विधायकों के साथ स्पीकर से सुरेंद्र पवार मिलने पहुंचे और अपना त्यागपत्र वापस लेने का पत्र उन्हें सौंपा, जिसमें पारिवारिक सुरक्षा की बात उन्होंने कही है। स्पीकार ज्ञान चंद गुप्ता ने इसकी पुष्टि की। स्पीकर ने इस मौके पर कहा कि विधायकों को किसी भी प्रकार की धमकी मिलना बहुत गंभीर विषय है। सरकार को इस पर पूरा संज्ञान लेना चाहिए और विधायकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। सुरक्षाकर्मी बढ़ाना केवल इस समस्या का समाधान नहीं है। विधायकों ने बताया है कि जो सुरक्षाकर्मी उन्हें मिले हैं वह अलर्ट नहीं हैं। स्पीकर ने कहा कि मैं इस पर डीजीपी से बात करूंगा। इस्तीफा वापस लेने के पत्र पर उन्होंने कहा कि वे इसे लीगली एग्जामिन करेंगे। सुरेंद्र पवार के साथ स्पीकर से मिलने गई झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि धमकियां मिलने के कारण वे परेशान हो गए थे, इसलिए इस्तीफा भेज दिया। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि सुरेंद्र पंवार धमकियों की वजह से परेशान थे।
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गौरतलब है कि 13 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक राज्यपाल से भी इस संबंध में मिल चुके हैं। गवर्नर को सोंपेगे गए ज्ञापन में कहा गया था कि सरकार की अयोग्यता और अक्षमता की वजह से प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि विधायकों से भी फिरौती मांगी जा रही है और उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। कुछ दिनों में प्रदेश के 6 विधायकों रेणु बाला, संजय सिंह, सुरेंद्र पवार, कुलदीप वत्स, सुभाष गांगोली, मामन खान और उनके परिजनों को धमकियां मिल चुकी हैं। बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कुलदीप वत्स के घर में घुसकर उनके नौकरों और स्टाफ के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। यह धमकियां जनप्रतिनिधियों द्वारा अपराध के विरुद्ध उनकी आवाज को दबाने के लिए मिल रही हैं। विधायकों व व्यवसायियों से फिरौती की घटनाएं आम हो गई हैं। हत्या, बलात्कार, अपहरण छीना-झपटी और कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। अपराधी बेखौफ और खुले घूम रहे हैं और सरकार उनके सामने विवश, मूकदर्शक और उनकी संरक्षक की भूमिका में नजर आती है। काबिलेगौर है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद इस पूरे क्षेत्र में धमकियों की बाढ़ सी आ गई है और सरकार असहाय है। हालात ऐसे हैं कि इस पूरे क्षेत्र में गैंग्सटरों की समानांतर एक सत्ता सी स्थापित हो गई है।
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