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GNCTD बिल को आम आदमी पार्टी ने बताया अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक, बिल के खिलाफ की मतदान की अपील

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक- 2023 की निंदा की। इसे अलोकतांत्रिक व अवैध विधायी कार्य का प्रतीक बताया।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

इस सप्ताह राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक' पेश किया जाना है। इसे देखते हुए सोमवार को आम आदमी पार्टी ने कहा कि लोकतंत्र को सम्मान देने वाले सांसद, अध्यादेश के खिलाफ एकजुट हों। ऐसे सभी सांसदों से संसद में बिल के खिलाफ मतदान करने की अपील की गई है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक- 2023 की निंदा की। इसे अलोकतांत्रिक व अवैध विधायी कार्य का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक दिल्ली के लोगों पर सीधा हमला है, भारतीय न्यायपालिका का अपमान और देश की संघीय व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

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सोमवार को संसद से बाहर निकलते हुए राघव चड्ढा ने कहा, लोगों के लिए भाजपा का अंतर्निहित संदेश यह है कि यदि वे गैर-भाजपा सरकार चुनते हैं तो उसे सुचारू रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह बिल दिल्ली के दो करोड़ लोगों द्वारा अरविंद केजरीवाल को दिए गए ऐतिहासिक बहुमत और जनादेश को कमजोर करता है।

यह अध्यादेश दिल्ली की निर्वाचित सरकार के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी विरोधाभास है, जिसने पुष्टि की थी कि नौकरशाही से संबंधित सभी शक्तियां दिल्ली सरकार के पास होनी चाहिए। लेकिन, भाजपा सरकार ने महज 8 दिनों के भीतर इस फैसले को पलट दिया और न्यायपालिका के फैसले को चुनौती देने वाला अध्यादेश लेकर आ गई।

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राघव चड्ढा ने भविष्य में इसे देश भर में गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करने का एक प्रयोग बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे अध्यादेश भारतीय संविधान को खतरे में डाल सकते हैं और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर कर सकता है। उन्होंने संविधान और लोकतंत्र को सर्वोच्च सम्मान देने वाले सभी सांसदों से इस अध्यादेश के खिलाफ एकजुट होने और संसद के दोनों सदनों में इसके खिलाफ मतदान करने की अपील की।  

गौरतलब है कि इस विधेयक पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी बनी हुई है। इस बिल को 25 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। केंद्र सरकार 19 मई को दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया था।

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यह विधेयक राज्यसभा की मंजूरी के लिए रखा जाना है। यही कारण है कि सरकार के साथ-साथ विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के चीफ व्हिप सुशील कुमार गुप्ता ने व्हिप भी जारी किया है जिसमें आम आदमी पार्टी के सभी राज्यसभा सांसदों को 4 अगस्त तक सदन में मौजूद रहने को कहा गया है।

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