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सावधान! अगर सही तरीके से कोरोना वायरस के नमूनों की हैंडलिंग नहीं हुई तो बढ़ेगा प्रसार, विशेषज्ञों का दावा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एसोसिएट प्रोफेसर हर्षल आर साल्वे ने बताया, “देश में तेजी से सैंपल कलेक्शन सेंटर बढ़ रहे हैं, ऐसे में इन सेंटर्स के जरिए भी कोविड के प्रसार को रोकने के लिए इनके कचरे का उचित निपटान बहुत महत्वपूर्ण है।”

फोटो: Getty Images
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देश भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मी, उनमें भी विशेष तौर पर अपनी जान जोखिम में डालकर नमूने लेने वाले लोगों को पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क के अलावा अन्य सावधानियों को अच्छी तरह से बरतें। क्योंकि नमूनों के संग्रह और परिवहन में शामिल लोग और उपकरण संक्रमण के स्रोत के रूप में कार्य कर सकते हैं। लिहाजा इन लोगों द्वारा पीपीई किट का उचित उपयोग अति-आवश्यक है।

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एसोसिएट प्रोफेसर हर्षल आर साल्वे ने बताया, “देश में तेजी से सैंपल कलेक्शन सेंटर बढ़ रहे हैं, ऐसे में इन सेंटर्स के जरिए भी कोविड के प्रसार को रोकने के लिए इनके कचरे का उचित निपटान बहुत महत्वपूर्ण है।” साल्वे ने कहा, “सबसे मुश्किल चीज वो है, जब आप वायरस को हैंडल कर रहे होते हैं। यानि कि नमूने एकत्र करते हैं और उन्हें ट्रांसपोर्ट करके ले जाते हैं।”

वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम का लीक-प्रूफ होना बहुत जरूरी है। वरना इससे कहीं से भी वायरस का रिसाव स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डाल सकता है।

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हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देकर कहा था कि 87 हजार स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 573 अपनी जान गंवा चुके हैं।

शनिवार को ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोविड -19 के लिए ऑन-डिमांड परीक्षण की अनुमति दी है। साथ ही राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक इसे सुविधा को लागू करने की भी अनुमति दी है।

एसएआर सैल्यूलैब्स प्रायवेट लिमिटेड के सीईओर अनिल होता ने कहा, "नमूनों को इकट्ठा करने और घटिया क्वालिटी वाले वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम उत्पादों का उपयोग हेल्थ केयर वर्कर्स को जोखिम में डालता है।"

नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष एस.पी. बयोत्रा ने आईएएनएस को बताया, "स्वास्थ्य कर्मियों के बीच संक्रमण को कम करने के लिए कोरोनोवायरस नमूनों को संभालने को भी बराबर महत्व दिया जाना चाहिए। क्योंकि वे इनके सीधे संपर्क में आते हैं।"

गौरतलब है कि रविवार की सुबह तक भारत में 24 घंटे में 90,632 मामले दर्ज हुए जिससे कुल संख्या 41 लाख से अधिक हो गई है।

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