कोरोना वायरस को रोकने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन से आम जनजीवन पर गहरा संकट आ गया है। तमाम तरह के काम-धंधे बंद होने से लोगों की कमाई बंद है। हालात को देखते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार से अपील की है कि सरकार कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी से हुए फायदे को जनता के साथ साझा करे। कांग्रेस ने दावा किया कि सरकार को तेल कीमतों में कमी से पेट्रोल-डीजल पर 20 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार भारी गिरावट आई है, लेकिन भारत में सरकार इसके उलट तेल पर तमाम तरह के करों में बढ़ोतरी करती रही है। इसी को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार को इस गिरावट से जो फायदा हो रहा है, उसे वह कोरोना वायरस संकट की इस घड़ी में जनता को राहत देने के लिए लोगों के साथ साझा करे। सरकार को मुनाफे का एक हिस्सा जनता के साथ साझा करना चाहिए।
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कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 23 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। अगर छह वर्षों में कीमत में गिरावट और उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का हिसाब लगाया जाए तो सरकार को कुल 20 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है।'' उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में सरकार को पेट्रोल एवं डीजल के जरिए 20 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जिसमें से एक हिस्सा सरकार को जनता के साथ साझा करना चाहिए।
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सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी भारतीयों को इस संकट में सिर्फ 7,500 रुपए देने की सरकार से मांग की थी, लेकिन सरकार ने 1,500 रुपए की घोषणा की, वो भी अभी तक पूरा नहीं दिया गया है। आज के संकट में 7,500 रुपए कुछ भी नहीं है, तो फिर सरकार इस 20 लाख करोड़ में से 7,500 रुपए देने के लिए तैयार क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि ये एक सीधी, सरल मांग है और ये आवश्यक इसलिए भी है कि ट्रांसपोर्ट को जब आप सस्ता करते हैं, जब आप किसी तरह की सब्सिडी देते हैं कृषक को, तो आप पूरे देश का भला करते हैं।
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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''आज पेट्रोल की कीमत 70 रुपये से अधिक और डीजल की कीमत करीब 65 रुपये है। यह किस प्रकार का लगान है? अंग्रेजों ने भी अकाल के समय लगान नहीं लिया था। 'यह समय पेट्रोल और डीजल पर मुनाफा कमाने का नहीं, बल्कि जनता के साथ मुनाफा साझा करने और उनका ख्याल रखने का है। वक्त आ गया है कि सरकार को इस मुनाफे का एक हिस्सा आमजन के साथ साझा करना चाहिए।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये समय देश के लिए मुनाफाखोरी का नहीं है, ये मुनाफे को शेयर करने का समय है। ये वो मुद्दा है, जो इस संकट के समय में रोजगार पर, जीवन पर, सर्वाईवल पर सीधा प्रभाव डालती है और हमारी राष्ट्रीय जीडीपी से भी सीधा संबंध रखता है। सिंघवी ने बताया कि जब तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 1 डॉलर गिरती है, तो भारत सरकार को 10,704 करोड़ रुपए का फायदा होता है। इस दौरान लगभग करीब-करीब 80 प्रतिशत गिरावट हुई है। सच्चाई ये है कि पेट्रोल की वास्तविक कीमत 28 रुपए प्रति लीटर है और 74 रुपए के आस-पास बिकता है। उसी तरह डीजल की असली कीमत है 32 रुपए प्रति लीटर और बिकता है 65 रुपए में।
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