लॉकडाउन के दौरान 31 मार्च से अब तक मोदी सरकार द्वारा 11 अध्यादेश पारित कराए जाने पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने इसे संसदीय निगरानी से बचने की कोशिश करार देते हुए सरकार की आलोचना की है और एक वर्चुअल संसद सत्र बुलाने की मांग की है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "संसद का 23 मार्च को सत्रावसान होने के बाद से कोविड-19 का लाभ उठाते हुए सरकार ने कल 11वां अध्यादेश पारित कर दिया। अभी तक के सभी अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखा जाना चाहिए।" थरूर ने एक ट्वीट में सवाल किया, "क्या हम अभी भी एक संसदीय लोकतंत्र हैं? मीडिया में कोई है जो वास्तविक सवाल पूछेगा?"
पीआरएस के अनुसार, 31 मार्च को सरकार ने कराधान और अन्य कानूनों पर एक अध्यादेश जारी किया था। अप्रैल में सरकार ने महामारी आपदा अध्यादेश 2020 सहित कुल पांच अध्यादेश जारी किए। जून में अब तक सरकार ने अतिरिक्त पांच अध्यादेश जारी किए हैं, जिसमें आवश्यक उपभोक्ता वस्तु अध्यादेश और इनसॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड शामिल हैं।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने संसद सत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह सरकार नियमों से बचने के लिए, संसदीय निगरानी से बचने के लिए कई कदम आगे निकल चुकी है।" तिवारी ने कहा, "यह संसद को कमजोर करने के अलावा कुछ नहीं है। मैं समझ सकता हूं कि आप संसद का पूर्ण सत्र नहीं बुला सकते, यद्यपि पूरी दुनिया की संसदें वर्चुअल बैठकें कर रही हैं।"
कांग्रेस सांसद ने कहा कि ब्रिटेन इसका एक बड़ा उदाहरण है। पुर्तगाल में संसद की वर्चुअल बैठक हो रही है, लेकिन हमारे यहां रक्षा पर स्थायी समिति की बैठक क्यों नहीं हो सकती और रक्षा पर परामर्शदात्री समिति की बैठक क्यों नहीं हो सकती, स्वास्थ्य पर स्थायी समिति की बैठक क्यों नहीं हो सकती?
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