
गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस पार्टी के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जनता से जुड़े कई बड़े मुद्दों को उठाया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया। अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने को लेकर खड़गे ने केंद्र सरकार को घेरा। खड़गे ने कहा कि अमेरिका ने हमारे खिलाफ 26 फीसदी टैरिफ लगाया, लेकिन उन्होंने (सरकार ने) संसद में इस पर कोई चर्चा नहीं होने दी। हमने उसी दोपहर यह मुद्दा उठाया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
खड़गे ने कहा कि पिछले 11 सालों में सत्ताधारी दल संविधान पर चोट कर रहा है। हमारे संवैधानिक मूल्यों, संवैधानिक प्रावधानों, संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमला कर रहा है। हाल में हुए संसद के बजट सत्र में सरकार ने मनमाना काम किया। स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधीजी का नाम लिया, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया। कांग्रेस के जमाने में LOP जब भी खड़ा होता था और बोलना चाहता था तो बोलने का मौका मिलता था। ये परंपरा थी। लेकिन आज जो हो रहा है वैसा पहले कभी नहीं हुआ।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जनता के सरोकार के जरूरी मुद्दों पर बहस करने के बजाय सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए रात के 3-4 बजे तक संसद में बहस कराती रही। और मणिपुर जैसे अहम मुद्दे पर नाम मात्र की चर्चा होती है।
खड़गे ने अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दे को अपने संबोधन में उठाया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में एकाधिकार स्थापित किया जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में एकाधिकार स्थापित किया जा रहा है। हवाई अड्डा, बंदरगाह, खनन हो या बिजली, मीडिया घराने हो या दूरसंचार! यहां तक कि अमेरिका से बिना नीलामी के सैटेलाइट टेक्नोलॉजी, अपने उद्योगपति मित्रों को ये सरकार दिलवा रही है, जिससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है।
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उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सम्पत्तियां धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपी जा रही हैं। PSUs बेच कर लाखों स्थायी सरकारी नौकरियां और SC, ST, OBC, EWS के आरक्षण पर चोट की गई है। खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार ने जब महिला आरक्षण कानून बनाया तो कांग्रेस पार्टी की मांग थी कि इसे तत्काल लागू किया जाए। साथ ही यह भी मांग की, कि आरक्षित महिला सीटों में एक-तिहाई सीट दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हो।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासियों के जल जंगल जमीन के संरक्षण के लिए कांग्रेस की सरकारों ने अलग- अलग समय पर अनेक कानून बनाये। पीईएसए, वन अधिकार अधिनियम, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, जैसे कानूनों को विधिवत कमजोर किया जा रहा है। आदिवासियों को वनवासी कह कर उनकी पहचान और अस्मिता के ऊपर ही प्रश्न चिह्न लगाया जा रहा है। आए दिन हमें दलितों के साथ भी लगातार बढ़ते उत्पीड़न के मामले देखने को मिलते हैं। बीजेपी सरकार में गुजरात में भी ऐसी बहुत सी घटनाएं हुईं जिनको नजरंदाज किया गया।
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खड़गे ने जनगणना के मुद्दे पर कहा कि जनगणना 2021 चार सालों से लंबित है। हमने जातिगत जनगणना की मांग की, सरकार उस पर मौन है। सारा सरकारी काम अभी 2011 के जनगणना आंकड़ों पर चल रहा है। इससे 14 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और बाकी योजनाओं के फायदे नहीं ले पा रहे हैं। जब कोरोना के बाद भी 143 देशों ने अपना जनगणना करा लिया तो मोदी सरकार क्यों नहीं करा रही है। वो कोरोना की मौंते, गरीबी, महंगाई, भुखमरी या बेरोज़गारी किसके आंकड़े छिपाना चाहती है।
खड़गे ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि देश में स्नातक युवाओं की बेरोजगारी 13 फीसदी पर है। व्यवसाय ठप हो रहे हैं। सरकार खुद मानती है कि 5 वर्षों में 5 लाख एमएसएमई इकाइयां बंद हो गए हैं। सूरत के डायमंड वर्करों का हाल आप जानते ही है। मोदीजी 2014 के पहले महंगाई घटाने का नारा देते थे। लेकिन बीजेपी ने महंगाई का मीटर इतना तेज कर दिया है कि आम जनता का जीना मुश्किल है।
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खड़गे ने कहा कि जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड कम हो रही है, वहां मोदी सरकार पेट्रोल डीजल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतें लगातार बढ़ाए जा रही है। अभी फिर पेट्रोल डीजल की कीमतें 2 रुपये और सिलिंडर की कीमत 50 रोये बढ़ा दी दि गई। हर चीज पर GST की मार है। महंगाई इतनी भयंकर है कि 100 करोड़ देशवासियों के पास खर्च करने के लिए बचत नहीं हो रही है। हर भारतीय पर 15 हज़ार रूपये का औसत टैक्स आता है। और अब ये लोग नए आयकर बिल में जासूसी के प्रावधान लाये हैं, जिससे सरकार आपका मोबाइल, कंप्यूटर, सोशल मीडिया अकाउंट, सब चेक कर सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि सरकार ने पिछले 11 वर्षों में राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर केंद्र-राज्य संबंध पर प्रतिबंध स्थापित किया है। कर्नाटक, तमिलनाड, तेलंगाना, झारखंड या बंगाल इन राज्यों को उनके हक की राशि से रखा जाता है। सिक्किम में नामित गवर्नर राज्य सरकार के निर्णयों में रोड़ा अटके रहते हैं। कल ही सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि समय सीमा के बदले फैसले का आदेश दिया गया है।
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खड़ेग ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन ये सरकार बार-बार किसानों का आंदोलन है। मोदी जी ने कहा था कि वो किसानों को एमएसपी देंगे और उनकी आय का समर्थन करेंगे। ऋण देने वाले किसानों का ऊपरी कर्ज़ तीन गुना बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मजदूरों के अधिकारों को सुरक्षित रखने वाले कानूनों को कमजोर किया गया है। ट्रेड यूनियन की आवाज को दबा दिया गया। पिछले 10 वर्षों से मजदूरी स्थिर है। मोदीजी मेक इन इंडिया की बात करते नहीं थकते पर उत्पादन घट गई है। विदेशी पूंजी आने की बात छोड़िये, भारतीय कम्पनिया खुद बाहर जाकर धंधा करने को प्राथमिकता दे रही हैं। सत्ताधारी दल भविष्य की चुनौतियों की तैयारी करने के बजाय 500 साल पुराने मुद्दों को उभारकर साम्प्रदायिकता भड़का रही है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने ईवीएम के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग से लेकर संसद तक को सरकार का विस्तार बनाने की कोशिश हो रही है। चुनावों में घोटाला हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी की उन्नति के साथ पूरी दुनिया के विकसित देश EVM को छोड़ कर बैलट पेपर की तरफ चले गए। लेकिन हमारा चुनाव आयोग इस समस्या का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। हमने महाराष्ट्र के चुनाव में देखा फ़र्ज़ी वोटर लिस्ट बनाया जा रहा है। वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हो रही गड़बड़ियों को रोकने के बजाय आयोग सवाल पूछने वाले राजनैतिक दलों को ही आंख दिखाती है।
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