लाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत मंजूर कर ली है लेकिन उनकी सजा पर रोक से इन्कार कर दिया है। इस वजह से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने शनिवार 12 बजे यह फैसला सुनाया। फैसला गुरुवार को सुरक्षित कर लिया गया था। जौनपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में पूर्व सांसद व एक अन्य को सात साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण अपील में सजा निरस्त करने की मांग की गई है।
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इससे पहले जौनपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि शासन के आदेश का अनुपालन करते हुए सिंह को शनिवार को सुबह आठ बजे जौनपुर जिला कारागार से बरेली जेल ले जाया गया।
जौनपुर की जिला अदालत के न्यायाधीश शरद चंद्र त्रिपाठी ने धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के मामले में सात वर्ष की सजा सुनाई थी। वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जिले के लाइन बाजार थाने में सिंह समेत दो लोगों के खिलाफ अपहरण और रंगदारी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
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उन्होंने बताया कि जिले के एक विधायक ने शासन को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि पूर्व सांसद क्षेत्र के लोगों को जेल में बुलाकर उन पर चुनाव में श्रीकला को समर्थन देने का दबाव डाल रहे हैं और ऐसे में उनका जिला जेल जौनपुर में रहना न्याय संगत नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि विधायक की बात को शासन ने संज्ञान में लेते हुए यह कार्रवाई की है।
जौनपुर जिले से दो बार विधानसभा सदस्य रह चुके धनंजय सिंह (48) ने 2009 में बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा का चुनाव जीता लेकिन उसके बाद उन्हें सफलता नहीं मिली।
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