ईडी के समन और उसके अधिकारों को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका में डिफेक्ट है। इस वजह से झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को मामले में बहस नहीं हो पाई। हाईकोर्ट ने डिफेक्ट को दूर करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने कहा कि मामले में दिल्ली से सीनियर एडवोकेट हाइब्रिड मोड में जुड़कर बहस करना चाहते हैं, इसलिए वक्त दिया जाए। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 11 अक्टूबर मुकर्रर की है।
Published: undefined
गौरतलब है कि ईडी ने झारखंड में जमीन घोटाले और हेमंत सोरेन की संपत्ति के ब्योरे को लेकर उनसे पूछताछ के लिए पांच बार समन जारी किया है, लेकिन सोरेन एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। ईडी की ओर से पांचवीं बार भेजे गए समन में उन्हें 4 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा गया था। इसके जवाब में सोरेन के एडवोकेट ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर कहा था कि यह मामला कोर्ट में विचारणीय है, इसलिए सुनवाई होने तक समन को स्थगित रखा जाए।
Published: undefined
पत्र में यह भी कहा गया था कि सोरेन कानून का पालन करने वाले भारत के जिम्मेदार नागरिक हैं और कोर्ट के आदेश का अनुपालन करेंगे। ईडी के समन पर रोक और उसके अधिकारों से जुड़े जिन बिंदुओं को लेकर सोरेन ने हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की है, उन्हीं बिंदुओं को लेकर उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल रिट पिटीशन दायर किया था, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली थी।
Published: undefined
बीते 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने सोरेन की याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। इसके बाद बीते 23 सितंबर को सोरेन हाईकोर्ट पहुंचे। इसमें पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता पर सवाल उठाया गया है। इसमें कहा गया है कि जांच एजेंसी को धारा 50 के अंतर्गत बयान दर्ज कराने या पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार कर लेने का अधिकार है। यह उचित नहीं है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined