हरियाणा के करनाल में मंगलवार को किसान महापंचायत के बाद लघु सचिवालय पर धरने पर बैठे किसानों और जिला प्रशासन के बीच आज फिर हुई बातचीत भी खट्टर सरकार की हठ के कारण बेनतीजा रही, जिसके बाद किसानों ने आंदोलन जारी रखते हुए नई रणनीति पर चर्चा शुरू कर दी है। किसान 28 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान किसानों के सिर पर डंडे मारने का आदेश देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई और मामले की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार दोपहर को करनाल प्रशासन के साथ बैठक की, जिसमें प्रमुख किसान नेता शामिल रहे। जिला प्रशासन के साथ लगातार दूसरे दिन हुई बैठक भी बेनतीजा रही। बैठक में सरकार की ओर से अधिकारियों ने अधिकारी पर कार्रवाई की मांग मानने से साफ इनकार कर दिया। इससे पहले मंगलवार को भी प्रशासन के साथ किसान नेताओं ने बैठक की थी, जिसमें कोई परिणाम नहीं निकल पाया था।
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जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने वाले 13 किसान प्रतिनिधियों में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव शामिल रहे। बैठक में जाने से पहले राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को करनाल तक सीमित करने की साजिश कर रही है, जो सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध जारी रहेगा और वह करनाल में प्रदर्शन में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करेंगे और इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना चाहेंगे।
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इससे पहले, किसान नेताओं ने आपस में एक बैठक की, जिसमें उन्होंने स्थानीय प्रशासन को आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक और मौका देने का फैसला किया, जिन्होंने 28 अगस्त को पुलिस को विरोध करने वाले किसानों पर बलप्रयोग का निर्देश दिया था। बैठक में बीकेयू के नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, करनाल स्थित बीकेयू नेता जगदीप सिंह चढूनी और कई अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधी शामिल रहे।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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