किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आज कहा कि 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार दोपहर एक बजे शंभू बॉर्डर विरोध स्थल से दिल्ली के लिए कूच शुरू करेगा। हरियाणा की अंबाला पुलिस ने हाई अलर्ट जारी करते हुए सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया है। ऐसे में कल किसानों के दिल्ली कूच से पहले तनाव की स्थिति बन गई है।
सरवन सिंह पंधेर ने गुरुवार को शंभू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जत्था दिल्ली की ओर मार्च करेगा। सरकार क्या करेगी, यह उसे सोचना है। हम दोपहर एक बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है तो यह उनके लिए ‘‘नैतिक जीत’’ होगी। पंधेर ने कहा, ‘‘क्योंकि उनके नेता कह रहे हैं कि अगर किसान ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं लाते हैं तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’’
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हरियाणा में अंबाला पुलिस ने किसानों की दिल्ली कूच की योजना के बाद हाई अलर्ट जारी किया और सुरक्षा का आकलन करने के लिए अंबाला जिला पुलिस प्रमुख सहित वरिष्ठ अधिकारियों को सीमा पर भेजा। हरियाणा की सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है।अंबाला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से कूच के निर्णय पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही कोई कदम उठाने या कूच करने के लिए कहा था।
स्थानीय प्रशासन ने पहले ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है, जिससे जिले में पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और शंभू बॉर्डर के पास विरोध स्थल पर नोटिस जारी किए गए हैं।
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इससे पहले, आज दिन में पटियाला संभाग के पुलिस उपमहानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह ने गुरुवार को किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर और सुरजीत सिंह फूल से मुलाकात की। सिद्धू ने कहा कि किसान नेताओं ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से कूच करेंगे और ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर नहीं ले जाएंगे, बल्कि पैदल जाएंगे।
पंधेर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह पंजाब-हरियाणा सीमा की तरह नहीं दिखता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र की तरह लग रहा है। अगर उनकी चलेगी तो वे यहां से एक चिड़िया को भी गुजरने की इजाजत नहीं देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने खनौरी बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करने की कोई घोषणा नहीं की है, इसके बावजूद वहां भारी पुलिस बल तैनात है।’’
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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांग शामिल हैं। किसान 13 फरवरी से पंजाब एवं हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इससे पहले सुरक्षाबलों ने किसानों के दिल्ली मार्च को रोक दिया था। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर झड़प के दौरान पंजाब के किसान शुभकरण सिंह की तब मौत हो गई थी जब प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की थी।
कृषक संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा, किसान कृषि ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’ की मांग कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी दो मांगें हैं।
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