भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वे आधिकारिक काम के लिए चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का इस्तेमाल न करें। हाल ही में जारी की गई एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि ये टूल गोपनीय सरकारी डेटा और दस्तावेजों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
Published: undefined
वित्त मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार, "यह निर्धारित किया गया है कि ऑफिस के कंप्यूटर और डिवाइस में एआई टूल और एआई ऐप (जैसे चैटजीपीटी और डीपसीक आदि) सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।" इससे पहले आईटी मंत्रालय ने कहा था कि डीपसीक जैसे एआई टूल्स से संबंधित गोपनीयता संबंधी चिंताओं को भारतीय सर्वरों पर ओपन-सोर्स मॉडल की मेजबानी करके प्रबंधित किया जा सकता है।
Published: undefined
डीपसीक, एक चीनी एआई ऐप है, जो दुनिया भर में स्क्रूटनी का सामना कर रहा है। डच अधिकारियों ने हाल ही में इसकी गोपनीयता नीतियों की जांच शुरू की, जिसमें सवाल उठाया गया कि ऐप यूजर्स के पर्सनल डेटा को कैसे संभालता है। अन्य देश भी डीपसीक पर इसी तरह की जांच कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने कहा था कि देश छह महीने के भीतर किफायती कीमत पर अपना सुरक्षित और सुरक्षित स्वदेशी एआई मॉडल लॉन्च कर सकता है। भारतीय एआई मॉडल आने वाले दिनों में देश को एआई समाधानों के अधिक विश्वसनीय तकनीकी पावरहाउस के रूप में उभरने में मदद करेगा।
Published: undefined
उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा द्वारा समर्थित, इंडियाएआई मिशन अब भारतीय भाषाओं का उपयोग करके घरेलू संदर्भ के लिए स्वदेशी एआई समाधानों को अनुकूलित करने के करीब है। ओपनएआई के सह-संस्थापक और सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का एक अहम मार्केट है और कंपनी के लिए वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। ऑल्टमैन के मुताबिक, "भारत एआई के लिए काफी अहम बाजार है और हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। मॉडल अभी भी सस्ते नहीं हैं। भारत को इस क्षेत्र लीडर होना चाहिए।"
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined