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ICMR के अध्ययन में खुलासा, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी इतने फीसदी लोग हुए कोरोना संक्रमित

आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद 76 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस दौरान कोरोना की चपेट में आने के बाद 16 फीसदी लोगों में लक्षण नहीं दिखे। जबकि करीब 10 फीसदी को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

देश में कोरोना की दूसरी लहर अब भी जारी है। कोरोना संक्रमण को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश का पहला अध्ययन जारी किया है। आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद 76 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस दौरान कोरोना की चपेट में आने के बाद 16 फीसदी लोगों में लक्षण नहीं दिखे। जबकि करीब 10 फीसदी को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा।

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अध्ययन के दौरान 361 लोगों की जांच में 274 की आरटी पीसीआर जांच पॉजीटिव पाई गई। वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के 14 दिन बाद यह लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए।

इसी साल एक मार्च से 10 जून तक चले अध्ययन में पता चला कि कोवैक्सिन की दोनों खुराक लेने के बाद 43 फीसदी स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हुए थे जो दूसरी लहर के दौरान कोविड वार्ड इत्यादि जगहों पर कार्य कर रहे थे। वहीं कोविशील्ड लेने के बाद 10 फीसदी स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित मिले। अध्ययन के मुताबिक, दो खुराक लेने के बाद संक्रमण की चपेट में आने के बीच औसतन अवधि 45 दिन देखी गई है। जबकि कोवैक्सिन लेने वालों में 33 दिन के दौरान ही संक्रमण हुआ है।

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आईसीएमआर ने दोनों वैक्सीन के बीच बन रहे एंटीबॉडी को लेकर भी जानकारी दी। आईसीएमआर ने स्पष्ट किया है कि कोविशील्ड लेने वालों में अधिक एंटीबॉडी बन रही हैं जबकि कोवैक्सिन लेने वालों में एंटीबॉडी 77 फीसदी ही मिली हैं।

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