कोरोना संकट में संचालन ठप होने के कारण रेलवे की आमदनी में जबरदस्त गिरावट हुई है। इसी की भरपाई के लिए रेलवे अब ऐसे कदम उठा रहा है जिससे उसके खर्च कम हों और आमदनी ज्यादा। लेकिन इस कवायद में जो फैसले लिए जा रहे हैं उससे हजारों लोगों की आजिविका प्रभावित होगी। ऐसी ही एक योजना के तहत रेलवे ट्रेनों से पंट्री कार खत्म कर दिए जाएंगे और उनकी जगह एक अतिरिक्त एसी-3 कोच लगा दिया जाएगा। लेकिन इस फैसले से पेंट्री कार में काम करने वाले कम से कम 10 हजार लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ सकता है।
Published: undefined
दरअसल कोरोना महामारी के दौरान बंद ट्रेनों को दोबारा शुरु करने पर भी रेलवे को उतनी आमदनी नहीं हो पा रही है जितनी संचालन के लिए जरूरी है। ऐसे में भारतीय रेलवे 300 से अधिक ट्रेनों में पैंट्री कार को खत्म करने के प्रस्ताव को अमल में लाने जा रही है, और उसके स्थान पर एक और एसी 3-टीयर कोच को चलाया जा सकता है। इतना ही नहीं यात्रियों को दिए जाने वाले तकिया, कंबल चादर की सेवा को भी बंद किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसके स्थान पर रेलवे प्रमुख स्टेशनों पर किचन बनाएगी और यात्रियों को इन स्टेशनों पर डिब्बाबंद भोजन दिया जाएगा।
लेकिन इस व्यवस्था से उन लोगों की आजीविका पर गहरा असर होगा जो बरसों से केटरिंग के काम में लगे हैं। हैरत की बात यह है कि यह प्रस्ताव दो प्रमुख रेलवे यूनियनों की ओर से राजस्व बढ़ाने के उपायों के तौर पर सुझाया गया था, जिसे रेलवे ने तत्काल हाथों-हाथ स्वीकारने में कोई देर नहीं लगाई है।
Published: undefined
गौरतलब है कि ट्रेनों में लगने वाली पैंट्री कार में रसोइयों और वेटरों सहित 20 से 30 लोगों का स्टाफ काम करता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर पेंट्री कार को खत्म किया गया तो एक ही झटके में कम से कम 10,000 से अधिक नौकरियों पर असर पड़ने जा रहा है।
रेलवे का तर्क है कि “इन पैंट्री कारों की खान-पान की सेवाओं से रेलवे को किसी भी प्रकार का यात्री राजस्व अर्जित नहीं होता है, उल्टा एक यात्री कोच की जगह ही इसकी वजह से कम हो जाती है” रेलवे का मानना है कि अगर पेंट्री कार की जगह एक एसी-3 कोच जोड़ दिया जाए तो सालाना 1,400 करोड़ रुपयों के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति संभव है। ध्यान रहे कि इससे पहले रेलने ने खर्च कम करने की कवायद में लांड्री सेवाओं को पहले से ही बंद कर दिया है। लिनेन और लांड्री सेवा के तहत एसी कोच के यात्रियों के लिए तकिये, बेडशीट, हाथ साफ़ करने के लिए तौलिया और कंबल मुहैया किया जाता था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined