हालात

कर्नाटकः MUDA केस में सिद्दारमैया को क्लीनचिट, लोकायुक्त पुलिस ने कहा- सीएम, उनकी पत्नी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं

कर्नाटक में एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य को क्लीनचिट देते हुए शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को नोटिस जारी किया है। लोकायुक्त पुलिस ने उच्च न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी है।

MUDA केस में सिद्दारमैया को क्लीनचिट, लोकायुक्त पुलिस ने कहा- सीएम, उनकी पत्नी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं
MUDA केस में सिद्दारमैया को क्लीनचिट, लोकायुक्त पुलिस ने कहा- सीएम, उनकी पत्नी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं फाइल फोटोः PTI

कर्नाटक में कथित एमयूडीए घोटाला मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्दारमैया को क्लीनचिट दे दी है। लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि आरोपी कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ सबूतों का अभाव है। साथ ही शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को नोटिस जारी किया गया है। जांच अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी है।

Published: undefined

कर्नाटक में एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने मामले में शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को लिखे पत्र में कहा, ‘‘चूंकि मामले में आरोपी-1 से लेकर आरोपी-4 के खिलाफ उपरोक्त आरोप साक्ष्य के अभाव में साबित नहीं हो पाए हैं, इसलिए अंतिम रिपोर्ट उच्च न्यायालय में दाखिल की जा रही है।’’ सिद्धरमैया और उनकी पत्नी के अलावा उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और जमीन के मालिक देवराजू भी आरोपी बनाए गए थे।

Published: undefined

लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा 2016 से 2024 तक 50:50 के अनुपात में प्रतिपूरक भूखंड उपलब्ध कराने के आरोपों की आगे जांच की जाएगी और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 (8) के तहत उच्च न्यायालय को अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

Published: undefined

एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया की पत्नी की अधिग्रहित 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें मैसूरु के एक पॉश इलाके में भूखंड आवंटित किए गए, जिनकी कीमत अधिग्रहित जमीन की तुलना में काफी अधिक थी। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था। लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ही मामले की जांच कर रहे हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined