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हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मेन गेट और चारदीवारी पर बंधे मिले खालिस्तानी झंडे, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

पूरे मामले पर कांगड़ा के एसपी खुशाल शर्मा का बयान आया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आज देर रात या सुबह-सुबह यह हुआ हो। हमने विधानसभा के गेट से खालिस्तान के झंडे हटा दिए हैं। यह पंजाब के कुछ पर्यटकों की हरकत हो सकती है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

धर्मशाला में आज सुबह हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और चारदीवारी पर खालिस्तान के झंडे बंधे पाए गए। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में विधानसभा के गेट और चारदीवारी से खालिस्तानी झंडे को हटाया गया। खालिस्तानी झंडे किसने लगाए इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। फलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

Published: 08 May 2022, 8:44 AM IST

पूरे मामले पर कांगड़ा के एसपी खुशाल शर्मा का बयान आया है। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि आज देर रात या सुबह-सुबह यह हुआ हो। हमने विधानसभा के गेट से खालिस्तान के झंडे हटा दिए हैं। यह पंजाब के कुछ पर्यटकों की हरकत हो सकती है। हम आज मामला दर्ज करने जा रहे हैं।”

धर्मशाला की एसडीएम शिल्पी बेकता ने कहा, “हमें हिमाचल विधानसभा की दीवारों के विरूपण होने की सूचना मिली थी। यहां पुलिस अधिकारी पहले ही मौजूद थे। मामले में प्राथमिकी जांच शुरू कर दी गई है। हम हिमाचल सार्वजनिक संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करेंगे। हम जांच पूरी होने तक कुछ नहीं कह सकते।”

Published: 08 May 2022, 8:44 AM IST

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, “मैं धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने की कायरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करता हूं। इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र होता है, इसलिए उस दौरान यहां और सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है। घटना की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “जांच के आदेश दिए हैं और एफआईआर दर्ज की गई है। बताया गया है कि रात में इस घटना को अंजाम दिया है। सीसीटीवी में तस्वीरें कैद होनी की उम्मीद है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम राज्यों से सटे बॉर्डर की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे।”

Published: 08 May 2022, 8:44 AM IST

इससे पहले बीती 29 अप्रैल को पंजाब के पटियाला में खालिस्तानी समर्थकों और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान खालिस्तान झंडे लहराए गए थे। काली देवी मंदिर के पास खालिस्तान समर्थकों और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। यह विवाद खालिस्तानी मुर्दाबाद मार्च निकालने को लेकर हुआ था। पथराव में कई लोग घायल हुए थे। इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया था। हालांकि पुलिस की सख्ती के बाद पूरा मामला शांत हो पाया।

Published: 08 May 2022, 8:44 AM IST

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Published: 08 May 2022, 8:44 AM IST