
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 साल पुराने मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-जी राम जी योजना करने के कदम को लेकर केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए ऐलान किया कि उनकी सरकार अपने ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी।
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ममता बनर्जी ने कोलकाता में आयोजित एक व्यापार और उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कुछ राजनीतिक दल ‘‘हमारे राष्ट्रीय महापुरुषों का सम्मान करने में विफल रहते हैं, तो वह हम करेंगे।’’ हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर बीजेपी का नाम नहीं लिया। बनर्जी की ओर से यह घोषणा ऐसे समय आयी जब लोकसभा ने आज ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पारित कर दिया जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा।
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ममता बनर्जी ने धन धान्य सभागार में आयोजित कारोबारी बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे शर्म महसूस होती है कि उन्होंने मनरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का फैसला किया है, क्योंकि मैं भी इसी देश की हूं। अब हम राष्ट्रपिता तक को भूला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हम अपने राज्य की ‘कर्मश्री’ योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेंगे।’’
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‘कर्मश्री’ योजना के तहत राज्य सरकार का दावा है कि लाभार्थियों को 75 दिनों तक काम उपलब्ध कराया जाता है, जबकि बनर्जी के अनुसार केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत धनराशि रोक रखा है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि राज्य का लक्ष्य भविष्य में ‘कर्मश्री’ योजना के तहत कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाकर 100 करने का है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने ‘कर्मश्री’ के तहत पहले ही अपने संसाधनों से कई कार्यदिवस सृजित किए हैं। भले ही केंद्र की निधि रोक दी जाए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को काम मिले। हम भिखारी नहीं हैं।’’
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