मध्य प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध को लेकर कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महिला अपराध के मामले में राज्य देश का कैपिटल बन गया है।
जीतू पटवारी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि आज हालत यह है कि महिला आयोग में न अध्यक्ष है और न ही सदस्य, महिलाओं से जुड़े हुए 24 हज़ार मामले भी पेंडिंग हैं। यह बीजेपी सरकार की अकर्मण्यता का सबसे बड़ा प्रमाण और परिणाम है।
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उन्होंने हाल ही में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए अपने पत्र में लिखा, "आगर मालवा की दुष्कर्म पीड़िता हो, चाहे इंदौर की साइबर क्राइम पीड़िता, किसी को पुलिस न्याय नहीं दिला पा रही है, तभी तो उन्होंने महिला आयोग का रुख किया, लेकिन, अब वहां भी सुनने वाला कोई नहीं है। क्या यही आपकी महिला न्याय नीति है? आयोग के नियमानुसार किसी भी शिकायत पर 15 दिन के अंदर कार्रवाई करनी होती है, परंतु आपकी सरकार नियम और कानून से परे है। सरकार की व्यक्तिगत रुचि सिर्फ विपक्षी नेताओं पर एफआईआर कर पॉक्सो एक्ट लगाने में है।"
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राज्य महिला आयोग में दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने कहा, "आंकड़ों के अनुसार 3,500 महिलाएं प्रतिवर्ष महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाने पहुंचती हैं अर्थात 9 से 10 महिलाएं प्रतिदिन, इन महिलाओं को न्याय नहीं मिलने की जिम्मेदार सरकार है।"
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राज्य में बीते साल हुए महिला अपराधों को लेकर पटवारी ने कहा, "2023-24 में महिला प्रताड़ना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। हैरानी की बात है कि बीजेपी की मंडल अध्यक्ष नारायणी बरेठा को जातिसूचक गाली देने तथा अभद्रता के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि, वे अनुसूचित समाज से हैं। यही कारण है कि उन्होंने वीडियो जारी कर आत्महत्या करने की बात कही है। इस स्थिति से समझा जा सकता है कि जब आप अपनी पार्टी की महिलाओं को ही न्याय नहीं दिला पा रहे हैं, तो पूरे प्रदेश की महिलाओं के साथ कैसे न्याय कर पाएंगे?"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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