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ओडिशा बंद! बालासोर छात्रा आत्मदाह मामले को लेकर कांग्रेस सहित 8 पार्टियों का प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता

भद्रक जिले में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाए, जिससे ट्रकों की लंबी कतार लग गई और यातायात घंटों बाधित रहा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

ओडिशा में यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा की मौत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना के विरोध में कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने गुरुवार को ओडिशा बंद का आह्वान किया, जिसे राज्यभर में भारी जनसमर्थन मिला। बंद के दौरान विभिन्न जिलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। कहीं ट्रेन रोकी गई तो कहीं सड़कों पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया। जगह-जगह बाजार बंद रहे और यातायात पूरी तरह ठप नजर आया।

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भद्रक से भुवनेश्वर तक जनसैलाब, हाईवे से लेकर ट्रैक तक प्रदर्शन

भद्रक जिले में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाए, जिससे ट्रकों की लंबी कतार लग गई और यातायात घंटों बाधित रहा। रेलवे ट्रैक पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा। वहीं भुवनेश्वर में विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर बसों का चक्काजाम कर दिया, जिससे यात्री पैदल ही घर लौटने को मजबूर हो गए। कई प्रमुख बाजारों और दुकानों को बंद रखा गया और पूरे शहर में सन्नाटा पसरा रहा।

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राजनीतिक दलों की एकजुटता, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष सड़कों पर

कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा, “यह सिर्फ एक बंद नहीं, बल्कि पीड़िता को न्याय दिलाने का संकल्प है। राज्य के कोने-कोने से हज़ारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। जनता का भरपूर समर्थन हमारे साथ है। सरकार की चुप्पी और कार्रवाई में लचर रवैये ने लोगों को नाराज कर दिया है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द न्याय नहीं दिया तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

इस बंद में कांग्रेस के अलावा बीजू जनता दल (बीजेडी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) , सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (SUCI) जैसे प्रमुख विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे। मयूरभंज, कटक, बालासोर, संबलपुर और राउरकेला जैसे इलाकों में भी व्यापक प्रदर्शन हुए।

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क्या है पूरा मामला?

12 जुलाई को बालासोर के फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की एक 20 वर्षीय छात्रा ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न से परेशान होकर कॉलेज के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया था। उसे गंभीर हालत में भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां 14 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया। यह घटना पूरे ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर चुकी है।

इस घटना के बाद सरकार के खिलाफ जनता और राजनीतिक दलों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है और दोषियों के खिलाफ अब तक सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।

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