राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बृहस्पतिवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसदों का समर्थन किया, जिन्होंने प्रस्तावित परिसीमन के खिलाफ नारे लिखी टी-शर्ट पहनकर उच्च सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि संसद के नियम सदस्यों के लिए कोई ‘‘ड्रेस कोड’’ निर्धारित नहीं करते हैं।
द्रमुक सदस्य बृहस्पतिवार को संसद में जो टी-शर्ट पहन कर पहुंचे थे उनपर पर ‘फेयर डीलिमिटेशन (निष्पक्ष परिसीमन)’ और ‘तमिलनाडु विल फाइट, तमिलनाडु विल विन (तमिलनाडु लड़ेगा, तमिलनाडु जीतेगा)’ के नारे लिखे थे।
कुछ सदस्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रि-भाषा फार्मूले के खिलाफ लोकसभा में द्रमुक के विरोध पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी पर नारों के साथ एक पट्टा पहन रखा था। उस पर ‘अनसिविलाइज्ड (असभ्य)’ शब्द लिखा था। इसके पहले दो अक्षरों ‘यू’ और ‘एन’ को लाल रंग क्रास से काटा गया था।
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उच्च सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने के तुरंत बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही स्थगित कर दी और सदन के नेताओं को बैठक के लिए अपने कक्ष में बुलाया।
बैठक में अपने प्रतिनिधियों को भेजने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के सूत्रों के मुताबिक सभापति ने द्रमुक सदस्यों से अपनी नारे लिखे टी-शर्ट की जगह सामान्य पोशाक पहनकर सदन में आने पर जोर दिया।
हालांकि, द्रमुक सदस्यों ने कहा कि सरकार परिसीमन के मुद्दे पर सरकार स्पष्टता करने में विफल रही है, जिससे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम हो सकता है।
उन्होंने टी-शर्ट की जगह अन्य परिधान पहन कर सदन में आने से इनकार कर दिया और कहा कि अगर सभापति को लगता है तो वे उन्हें निलंबित कर सकते हैं।
एक अन्य विपक्षी नेता ने कहा कि धनखड़ ने 1985 की एक मिसाल का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन सभापति आर वेंकटरमण ने सांसदों को बैज पहनने से रोक दिया था।
विपक्षी सदस्यों ने हालांकि सभापति पर पलटवार किया और कहा कि बीजेपी के नेता भी अपनी पार्टी का चिह्न पहनकर सदन में आते हैं।
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एक विपक्षी सांसद ने कहा कि बीजेपी नेता ‘जय श्री राम’ जैसे नारे लगाते हैं, जिस पर आसन ने कभी आपत्ति नहीं की। उन्होंने सवाल किया कि क्या अन्य सांसद भी अपने धर्म से संबंधित नारे लगा सकते हैं।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उप सभापति हरिवंश ने कोई कारण बताए बिना बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। पंद्रह मिनट बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उन्होंने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस बार भी उन्होंने कोई कारण नहीं बताया।
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