रेल मंत्रालय ने दूरदराज के स्थानों से यात्रा करने वाले यात्रियों की सहूलत के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए मौजूदा चार घंटे के बजाय आठ घंटे पहले आरक्षण तालिका तैयार करने का फैसला किया है। इसके अलावा 1 जुलाई से आईआरसीटीसी पर केवल सत्यापित उपयोगकर्ता ही तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे।
रेल मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यह निर्णय हाल में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया। अधिकारी मौजूदा चार घंटे के बजाय ट्रेन के प्रस्थान से आठ घंटे पहले आरक्षण चार्ट तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि अपराह्न दो बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट पिछली रात नौ बजे तैयार किया जाएगा। इसमें कहा गया कि रेल मंत्री ने निर्देश दिया है कि चरणबद्ध तरीके से बदलाव को लागू किया जाए जिससे कोई अवरोध पैदा नहीं हो।
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इस कदम से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के लिए अनिश्चितता कम हो जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि प्रतीक्षा सूची की स्थिति पर पहला अपडेट पहले ही साझा किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इससे लंबी दूरी की ट्रेनों को पकड़ने के लिए दूरदराज के स्थानों या प्रमुख शहरों के उपनगरों से यात्रा करने वाले यात्रियों को फायदा होगा। यह प्रतीक्षा सूची से आरक्षण नहीं होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए अधिक समय भी प्रदान करेगा।’’
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मंत्रालय के अनुसार, ‘‘नई उन्नत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) प्रति मिनट 1.5 लाख से अधिक टिकट बुकिंग की अनुमति देगी। यह वर्तमान पीआरएस में प्रति मिनट 32,000 टिकट से लगभग पांच गुना अधिक होगा।’’ मंत्रालय ने कहा कि नए पीआरएस में बहुभाषी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बुकिंग और पूछताछ इंटरफेस भी है। नए पीआरएस में, यूजर अपनी पसंद की सीट बता सकेंगे और किराया कैलेंडर देख सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि इसमें दिव्यांगजन, छात्रों और मरीजों के लिए एकीकृत सुविधाएं भी हैं।
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मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारतीय रेलवे 1 जुलाई, 2025 से आईआरसीटीसी की वेबसाइट और इसके मोबाइल ऐप पर केवल सत्यापित उपयोगकर्ताओं को ही तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति देगा।’’ उसने इस बात पर जोर दिया कि जुलाई के अंत से तत्काल बुकिंग के लिए ओटीपी-आधारित सत्यापन किया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को तत्काल बुकिंग के लिए सत्यापन तंत्र को व्यापक बनाने का निर्देश दिया।
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बयान में कहा गया है, ‘‘आधार या उपयोगकर्ता के डिजिलॉकर खाते में उपलब्ध किसी अन्य सत्यापन योग्य सरकारी आईडी का उपयोग करके सत्यापन किया जाना चाहिए।’’ मंत्रालय के अनुसार, ये उपाय रेलवे द्वारा अपनी प्रणाली को आधुनिक बनाने और उन्हें अधिक नागरिक-अनुकूल बनाने के निरंतर प्रयासों को दर्शाते हैं।
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