हालात

SC ने केंद्र सरकार से कहा- आप बड़े राजमार्ग बना रहे हैं लेकिन सुविधाओं के अभाव में लोग मर रहे हैं

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आठ जनवरी के आदेश के बावजूद केंद्र ने न तो निर्देश का पालन किया और न ही समय बढ़ाने की मांग की।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

सड़क/मोटर वाहन हादसों के शिकार लोगों के लिए नकदीरहित इलाज की योजना तैयार करने में देरी को लेकर केंद्र पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि आप बड़े-बड़े राजमार्गों का निर्माण कर रहे हैं लेकिन सुविधाओं के अभाव में लोग वहां मर रहे हैं।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आठ जनवरी के आदेश के बावजूद केंद्र ने न तो निर्देश का पालन किया और न ही समय बढ़ाने की मांग की।

Published: undefined

शीर्ष अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 164ए एक अप्रैल, 2022 को तीन साल के लिए प्रभाव में लायी गयी थी लेकिन केंद्र ने दावेदारों को अंतरिम राहत देने के लिए योजना बनाकर इसे लागू नहीं किया।

पीठ ने सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव से पूछा, ‘‘आप अवमानना ​​कर रहे हैं। आपने समय बढ़ाने की मांग करने की जहमत नहीं उठाई। यह क्या हो रहा है? आप हमें बताएं कि आप योजना कब बनाएंगे? आपको अपने कानूनों की परवाह नहीं है। यह कल्याणकारी प्रावधानों में से एक है। इस प्रावधान को प्रभाव में आये तीन साल हो गए हैं। क्या आप वाकई आम आदमी के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं?’’

Published: undefined

शीर्ष अदालत ने सचिव से यह भी सवाल किया, ‘‘ क्या आप इतने लापरवाह हो सकते हैं? क्या आप इस प्रावधान के प्रति गंभीर नहीं हैं? लोग सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं। आप बड़े-बड़े राजमार्ग बना रहे हैं, लेकिन वहां लोग मर रहे हैं क्योंकि वहां कोई सुविधा नहीं है। ‘गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट (हादसे के एक घंटे में इलाज)’ की कोई योजना नहीं है। इतने सारे राजमार्ग बनाने का क्या फायदा?’’

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2 (12-ए) के तहत ‘गोल्डन ऑवर’ सड़क हादसे में किसी दर्दनाक चोट के बाद एक घंटे की अवधि को संदर्भित करता है, जिसके तहत समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप से मृत्यु को रोका जा सकता है।

शीर्ष अदालत ने सचिव को योजना में देरी के कारणों को स्पष्ट करने के लिए तलब किया था।सचिव ने सोमवार को कहा कि एक मसौदा योजना तैयार की गई थी, लेकिन ‘जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी)’ द्वारा आपत्ति जताए जाने के कारण इसमें बाधा उत्पन्न हो गई।

Published: undefined

सचिव ने कहा, ‘‘जीआईसी सहयोग नहीं कर रही है। इसने तर्क दिया है कि उसे दुर्घटना में शामिल मोटर वाहन की बीमा पॉलिसी की स्थिति की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए।’’

शीर्ष अदालत ने यह बयान भी रिकार्ड पर लिया कि ‘गोल्डन ऑवर’ की योजना सोमवार से एक सप्ताह के भीतर लागू हो जाएगी।

इसके बाद पीठ ने अधिसूचित योजना को नौ मई तक रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 13 मई को तय की।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined