सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई अगले साल 3 जनवरी तक के लिए टाल दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एस.वी.एन.भट्टी की पीठ ने मोइत्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद अदालत फिर से खुलने पर मामले की सुनवाई की जाएगी, क्योंकि पीठ मामले की फाइलों पर गौर नहीं कर सकी है।
महुआ ने अपनी लोकसभा सदस्यता खत्म होने के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज सुनवाई शुरू होते ही बेंच के अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि उन्होंने याचिका को नहीं पढ़ा है। वह इसे पढ़ने के बाद ही सुनवाई करना चाहेंगे।
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पीठ ने आदेश दिया, ''3 जनवरी, 2024 को पुनः सूचीबद्ध करें।'' भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने मोइत्रा के वकील द्वारा उल्लेख किए जाने के बाद ने बुधवार को याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की।
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मोइत्रा ने 8 दिसंबर को संसद के निचले सदन से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत का रुख किया है। पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से सांसद ने अपनी याचिका में अपने निष्कासन के फैसले को "अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमाना" बताया है। उनके खिलाफ कार्रवाई 'संसदीय प्रश्नों के लिए नकद' आरोप पर आचार समिति की जांच के बाद की गई थी।
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