सीवोटर द्वारा आईएएनएस के लिए किए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चलता है कि देश के अधिकांश लोग न केवल उन महिला पहलवानों का समर्थन करते हैं, जिन्होंने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं, बल्कि यह भी चाहते हैं कि पुलिस बृजभूषण को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे। साथ ही यह भी पता चलता है कि मामले में दिल्ली पुलिस की अब तक की कार्रवाई से ज्यादातर लोग संतुष्ट नहीं हैं।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों की प्रमुख मांगों में से एक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद की तत्काल गिरफ्तारी की है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर आए आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज कीं। इनमें से एक प्राथमिकी कड़े पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, जिसमें नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध शामिल हैं।
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सर्वे के दौरान पूछा गया एक सवाल था कि क्या आप जांच पूरी होने से पहले ही बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की पहलवानों की मांग का समर्थन करते हैं? कुल 56 प्रतिशत के करीब प्रतिभागियों ने इसका उत्तर 'हां' में दिया जबकि मात्र 27 प्रतिशत ने उन्हें गिरफ्तार करने से असहमति जताई। पार्टी लाइन पर देखें तो करीब दो-तिहाई विपक्षी समर्थक मांग से सहमत हैं, वहीं 43 फीसदी से ज्यादा एनडीए समर्थकों ने भी मांग से सहमति जताई है।
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इस विशेष सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि मामले दिल्ली पुलिस की अब तक की कार्रवाई से ज्यादातर लोग संतुष्ट नहीं हैं। लगभग 59 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बृजभूषण सिंह के खिलाफ कुछ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। इसके विपरीत, 30 प्रतिशत से कम लोगों ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। गौरतलब है कि एनडीए को समर्थन और वोट देने वाले करीब 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया।
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बता दें कि विग्नेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे एशियाई, राष्ट्रमंडल और ओलंपिक खेलों में पदक विजेताओं सहित कई पहलवानों ने इस साल जनवरी में बृजभूषण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। एक खामोशी के बाद अप्रैल से पहलवानों का विरोध तेज हो गया है। प्रदर्शनकारी पहलवान बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जबकि सिंह का दावा है कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
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मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने और अधिकारियों की निष्क्रियता के खिलाफ अप्रैल में पहलवानों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर अपना विरोध दोबारा शुरू किया था। इसके बाद से बड़ी संख्या में विपक्षी दलों और नागरिक समाज समूहों ने पहलवानों का समर्थन किया है। सरकार की तरफ से लगातार चुप्पी के खिलाफ पहलवानों ने 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करने का ऐलान किया था, लेकिन उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में जंतर-मंतर से भी उन्हें हटा दिया गया।
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