देश की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा के बीच विश्लेषकों को कृत्रिम मेधा (एआई) और स्वचालन के बढ़ते प्रभाव के कारण आने वाले समय में ऐसी और मामले आने की आशंका सताने लगी है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने 6.13 लाख कर्मचारियों की कुल संख्या में दो प्रतिशत यानी 12,000 से अधिक की छंटनी करने की घोषणा की है। इस कदम का सबसे ज्यादा असर मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों पर पड़ने की आशंका है।
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टीसीएस ने इस छंटनी को ‘भविष्य के लिए तैयार संगठन’ बनने की रणनीति का हिस्सा बताया है जिसमें प्रौद्योगिकी, एआई को अपनाने और कार्यबल के पुनर्गठन पर जोर दिया जा रहा है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के शोध निदेशक तरुण पाठक का कहना है कि टीसीएस का यह कदम व्यापक आर्थिक दबाव, ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं और उद्योग के अधिक चुस्त, परिणाम-आधारित मॉडल की तरफ रुख करने का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि भले ही टीसीएस ने इस छंटनी को एआई से प्रेरित नहीं बताया है, लेकिन यह ऐसे समय हो रही है जब स्वचालन और एआई को अपनाने से समूचे प्रौद्योगिकी टेक उद्योग में कार्यबल संबंधी निर्णयों पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है।
पाठक ने कहा, ‘‘भारतीय आईटी सेवा कंपनियां अब अधिक कुशल और प्रदर्शन-केंद्रित कार्यबल मॉडल की ओर बढ़ रही हैं।’’
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टेकआर्क के मुख्य विश्लेषक और संस्थापक फैसल कावूसा ने कहा कि उद्यम अब आईटी सेवा कंपनियों से एआई का उपयोग करके कम में अधिक काम करने की उम्मीद कर रहे हैं।
कावूसा ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में लागत का दबाव आगे भी छंटनी के लिए मजबूर करेगा। हमें इसे एआई-चालित आईटी में होने वाले बड़े घटनाक्रम के एक अंग के तौर पर देखना चाहिए जहां एआई एजेंट तेजी से मानव एजेंट की जगह ले लेंगे।’’
साइबरमीडिया रिसर्च के उपाध्यक्ष (उद्योग शोध समूह) प्रभु राम ने टीसीएस की छंटनी को मार्जिन दबाव और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं जैसी चुनौतियों से संबंधित बताया।
राम ने कहा, ‘‘एआई को अपनाने की रफ्तार तेज होने के साथ ग्राहक लागत-दक्षता और उत्पादकता लाभ पर अधिक बल दे रहे हैं। टीसीएस और अन्य आईटी कंपनियां अपनी मौजूदा टीम के साथ ही दक्षता बढ़ाने के लिए एआई और स्वचालन का इस्तेमाल कर रही हैं।’’
टीमलीज डिजिटल की मुख्य कार्यपालक अधिकारी नीति शर्मा ने कहा कि हर कंपनी अब एआई की अगुवाई वाले बदलाव की तरफ देख रही है। उन्होंने कहा कि कंपनियां अपने मौजूदा और नए कर्मचारियों की कुशलता बढ़ाने में भारी निवेश कर रही हैं।
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हालांकि, उन्होंने कहा कि कंपनी की भविष्य की संरचना में फिट नहीं बैठने वाले या अपनी काबिलियत नहीं बढ़ाने वाले कर्मचारियों को बाहर जाना पड़ सकता है।
टीसीएस के इस फैसले ने आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं और यह सोशल मीडिया पर भी व्यापक बहस के रूप में नजर आ रहा है।
कुछ उपयोगकर्ताओं ने एआई और स्वचालन के कारण नौकरियां जाने की आशंका को ‘हकीकत’ बताया जबकि कुछ लोगों ने इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ने और वेतन घटने की आशंका भी जताई।
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