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तेलंगाना सुरंग हादसाः बचाव कार्य में तेजी, मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए खुदाई जारी

बचाव दल हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य स्थानों पर भी खुदाई कर रहे हैं, जो मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) का उपयोग कर रहे हैं।

तेलंगाना सुरंग हादसाः बचाव कार्य में तेजी, मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए खुदाई जारी
तेलंगाना सुरंग हादसाः बचाव कार्य में तेजी, मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए खुदाई जारी फोटोः सोशल मीडिया

तेलंगाना के नगरकुरनूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के निर्माणाधीन खंड के ढहने के बाद पिछले 12 दिन से सुरंग में फंसे आठ लोगों के बचाव का अभियान बुधवार को और तेज कर दिया गया। बचाव अभियान के तहत वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए स्थानों पर मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए खुदाई की जा रही है।

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अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत कर चालू की गई ‘कन्वेयर बेल्ट’, सुरंग में बचाव दलों को मलबे को बाहर निकालने में मदद कर रही है। दुर्घटना के बाद 22 फरवरी को बेल्ट क्षतिग्रस्त हो गई थी। बचाव दल हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य स्थानों पर भी खुदाई कर रहे हैं, जो मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) का उपयोग कर रहे हैं।

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सुरंग के अंदर कीचड़ और पानी सहित कठिन परिस्थितियों ने बचाव कर्मियों के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। वैज्ञानिकों द्वारा पहचाने गए अन्य स्थानों पर पहले किए गए निरीक्षणों में मानव उपस्थिति के कोई संकेत नहीं मिले थे। अधिकारियों ने मंगलवार शाम को बताया कि दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि भी बचाव कार्य में शामिल हो गए हैं। वैज्ञानिक सुरंग में भूकंप विज्ञान से संबंधित अध्ययन करेंगे।

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अधिकारियों के अनुसार, टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के अंतिम हिस्सों को गैस कटर का उपयोग करके काटा जाएगा और ‘लोको ट्रेन’ में सुरंग से बाहर लाया जाएगा। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूर समेत आठ लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ अथक प्रयास कर रहे हैं।

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