दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आम लोगों के लिए अब सड़कों पर चलना भी खतरे से खाली नहीं रहा। बीते 7 महीने में पालतू और आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने के 1 लाख 8 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कुत्ते के काटने की घटनाओं में वृद्धि से स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है।
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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई के बीच कुत्तों के काटने के 69,188 मामले सामने आए। सिर्फ जुलाई महीने में ही 18 हजार से अधिक डॉग बाइट के केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, बंदरों और बिल्लियों के काटने के भी 32 हजार से अधिक मामले पिछले दो महीनों में सामने आए हैं। नोएडा के ग्रामीण इलाकों और सेक्टरों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। डॉग लवर्स और आम नागरिकों के बीच इस मुद्दे को लेकर अक्सर टकराव भी देखने को मिलता है।
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जिला अस्पताल और अन्य सरकारी संस्थानों में एंटी रैबिज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या में भारी इजाफा देखा गया है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबिज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। डिप्टी सीएमओ डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि 31 जुलाई तक जिले में 1.08 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुत्तों के काटने की घटनाओं की लगातार रिपोर्टिंग और जागरूकता के चलते भी आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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नोएडा के सिविल अस्पताल पहुंचे एक मरीज ने बताया कि उसे बिल्ली ने काट लिया था। वह इंजेक्शन लगवाने आया है। मरीज ने कहा कि कुत्ते भी बहुत ज्यादा हो रहे हैं, जो रास्तों में लोगों को काट लेते हैं। एक अन्य मरीज ने कहा कि मुझे एक कुत्ते ने काटा था। मैं इंजेक्शन लगवाने आया हूं। मरीज ने बताया कि कुत्तों ने पैदल चलना भी मुश्किल कर दिया है।
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