
कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा देश के 12 राज्यों में 4 नवंबर से एसआईआर कराने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा कि 12 राज्यों में होने वाला एसआईआर लोकतंत्र के खिलाफ एक साजिश है। जनता के अधिकारों को छीनने का षड्यंत्र है।
कांग्रेस ने एक्स पर कहा, चुनाव आयोग अब 12 राज्यों में 'वोट चोरी' का खेल खेलने जा रहा है। एसआईआर के नाम पर बिहार में 69 लाख वोट काटे गए। अब 12 राज्यों में करोड़ों वोट काटे जाएंगे। यह खुले तौर पर 'वोट चोरी' है, जो नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग साथ मिलकर कर रहे हैं। बिहार में जब एसआईआर हुआ तो देश के सामने चुनाव आयोग की चोरी खुलकर सामने आ गई। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई थी।
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कांग्रेस ने आगे कहा कि देशभर में 'वोट चोरी' के अलग-अलग मामले और तरीके सामने आ रहे हैं। कहीं साजिशन वोट जोड़े जा रहे, तो कहीं काटे जा रहे हैं। कहां इन मामलों पर चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए था। इनकी जांच करनी चाहिए थी, इसके उलट चुनाव आयोग 'वोट चोरी' के खेल में ही लग गया। 12 राज्यों में होने वाला एसआईआर लोकतंत्र के खिलाफ एक साजिश है। जनता के अधिकारों को छीनने का षड्यंत्र है।
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वहीं कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि आज चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की। अभी तक बिहार में हुए एसआईआर से जुड़े सवालों के जवाब हमें नहीं मिले हैं। हालात ये थे कि एसआईआर को दुरुस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को आगे आना पड़ा। बिहार के एसआईआर से चुनाव आयोग और बीजेपी की नीयत पूरे देश के सामने आ चुकी है।
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खेड़ा ने आगे कहा कि जब भी एसआईआर होता है, चुनाव आयोग के कर्मचारी हर घर जाते हैं, नए वोटरों को जोड़ते हैं और जिन्हें डिलीट करना होता है, उन्हें डिलीट करते हैं। राहुल गांधी जी के आलंद विधानसभा से जुड़े 'वोट चोरी' के खुलासे के बाद एसआईटी ने बताया है कि वोटर लिस्ट से नाम काटने का एक सेंट्रलाइज्ड ऑपरेशन किया जा रहा था। इन सारे मामलों के बीच चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर करवाना संदेह के घेरे में है, मंशा ठीक नहीं लगती। विपक्ष और वोटर- दोनों ही संतुष्ट नहीं हैं।
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गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर देश में दूसरे चरण का एसआईआर कराने की घोषणा की। इस चरण के तहत देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू होगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 में प्रकाशित होगी। इस चरण में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एसआईआर कराया जाएगा। इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव संभावित हैं।
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