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ट्विन टावर गिरा, लेकिन सुपरटेक मुश्किलें खत्म नहीं, अब इमरात का मलबा हटाने के लिए खर्च करने होंगे इतने रुपये

सुपरटेक और एडिफिस के बीच हुए करार के मुताबिक एडीफाइस प्लांट तक पहुंचाएगा मलबा और 156 रुपए प्रति टन के हिसाब से 28 हजार टन का करीब 4368000 रुपया सुपरटेक चुकाएगा।

फोटो: विपिन
फोटो: विपिन 

ट्विन टावर गिर चुका है। अब मुख्य काम बाकी है उसके मलबे का निस्तारण। उसके मलबे को निस्तारण को लेकर एक बड़ी कार्य योजना बनाई गई है। सबसे बड़ी बात है इसके निस्तारण के खर्चे का वहन भी सुपरटेक बिल्डर को करना होगा।

प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही मलबा निस्तारण का काम शुरू हो जाएगा और मलबा निस्तारण के लिए दो शिफ्टों में काम होगा। सुपरटेक और एडिफिस के बीच हुए करार के मुताबिक एडीफाइस प्लांट तक पहुंचाएगा मलबा और 156 रुपए प्रति टन के हिसाब से 28 हजार टन का करीब 4368000 रुपया सुपरटेक चुकाएगा। ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण सेक्टर-80 सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में जाएगा। ये प्लांट रैमकी कंपनी चला रही है। नोएडा का रोजाना का करीब 250 से 300 टन मलबे का निस्तारण यहीं किया जाता है। अब ये प्लांट दो दिनों में ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण करना शुरू कर देगा।

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प्राधिकरण के ओएसडी से मिली जानकारी के मुताबिक सुपरटेक और एडीफाइस के बीच जो अनुबंध हुआ है, उसके तहत ट्विन टावर का मलबा सीएंडी वेस्ट मैनेजमेंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीफाइस की होगी। इसके लिए जो शुल्क लगेगा वह एडिफाइस देगा। इसके अलावा सीएंडी वेस्ट प्लांट में जो भी मलबा निस्तारित होगा, उसका प्रति टन के हिसाब से खर्चे का वहन सुपरटेक करेगा। बता दे सीएंडी वेस्ट प्लांट में दो प्रोसेसिंग फीस है। पहली यदि मलबा प्लांट कंपनी खुद उठाती है तो प्रोसेसिंग शुल्क 500 रुपए प्रति टन और यदि एडिफाइस मलबा पहुंचाती है तो सुपरटेक को सिर्फ 156 रुपए प्रति टन प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा।

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