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जाति जनगणना के फैसले पर बीजेपी नेताओं-मंत्रियों का 'यू-टर्न', कल तक नहीं थकते थे विरोध करते, आज बता रहे ऐतिहासिक

एक के बाद एक ट्वीट, प्रेस बयान और प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी अध्यक्ष, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय कैबिनेट के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाइयों का तांता लगा दिया। याद रहे कि अभी कुछ दिन पहले तक यही सारे लोग देश में जाति जनगणना के खिलाफ दावे करते नहीं थक रहे थे।

जाति जनगणना के फैसले पर बीजेपी नेताओं-मंत्रियों का 'यू-टर्न', कल तक नहीं थकते थे विरोध करते, आज बता रहे ऐतिहासिक
जाति जनगणना के फैसले पर बीजेपी नेताओं-मंत्रियों का 'यू-टर्न', कल तक नहीं थकते थे विरोध करते, आज बता रहे ऐतिहासिक फोटोः सोशल मीडिया

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर जब हरियाणा के मुख्यमंत्री थे,तो उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने कभी भी देश में जाति आधारित राजनीति का समर्थन नहीं किया और हरियाणा में जाति जनगणना कराने का सवाल ही नहीं पैदा होता। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि, “हरियाणा में जाति आधारित जनगणना की कोई मांग नहीं उठी है, और हमने पहले ही समाज के जरूरतमंद लोगों की पहचान कर रखी है।“ लेकिन बुधवार को खट्टर ने एक्स पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जाति जनगणना का फैसला लिए जाने को ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट कमिटी ने क्रांतिकारी कदम उठाया जिससे समाज में समानता आएगी और कमजोर तबकों के उत्थान का काम होगा। उन्होंने इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की

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खट्टर अकेले केंद्रीय मंत्री नहीं है जिन्होंने ऐसा किया। नितिन गडकरी का वह कथन तो काफी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि, “जो करेगा जाति की बात, उसका मारूंगा कस के लात...।” लेकिन बुधवार के सरकार के फैसले के बाद उन्होंने भी एक्स पर इसे ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने लिखा कि, “सामाजिक न्याय की दिशा में मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले का आधार मोदी सरकार की समावेशी नीति और जाति आधारित जनगणना कराकर वंचित तबको को उनका हक दिलाना है।”

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा अभी हाल तक जाति जनगणना की मांग को असंत करार देते रहे हैं। लेकिन कैबिनेट के फैसले के बाद उन्होंने भी इसे ऐतिहासिक बताने में देर नहीं की। उन्होंने लिखा, “यह अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला है, इससे आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर पिछड़े तबके को मुख्यधारा में लाने का काम होगा। ” इसी तरह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी लिखा कि, “मो सरकार सामाजिक न्याय के लिए वचनबद्ध है, इसी के तहत यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। इस फैसले से आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े तबकों को मुख्यधारा में लाकर उनका उत्थान किया जाएगा।”

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एक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार के इस फैसले की प्रशंसा की और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने कभी भी जाति जनगणना को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई क्योंकि वह ऐतिहासिक तौर पर इसके खिलाफ रही है। एक अन्य केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस फैसले के लिये मोदी सरकार की तारीफ की। याद रहे कि चिराग पासवान ने कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई जातिगत सर्वे को गैर पारदर्शी करार दिया था। लेकिन अब वह जाति जनगणना कराए जाने के फैसले को ऐतिहासिक बताते नहीं थकते।

बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी पीछे नहीं रहे। असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले पर कहा कि सरकार का यह फैसला 140 करोड़ देशवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

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