जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत की आक्रामकता से पाकिस्तान बुरी तरह घबरा गया है। हालांकि दो दिन पहले ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि जंग का जवाब जंग से दिया जाएगा, लेकिन उसकी घबराहट का ही नतीजा था कि इमरान खान ने गुरुवार को आनन-फानन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई।
इस बैठक से पहले इमरान खान ने पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ बैठक की और सुरक्षा के हालात पर चर्चा की। इसके बाद एनएससी की बैठक में बाजवा, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख, सुरक्षा अधिकारी और वित्त, रक्षा, विदेशी मामलों और आंतरिक मामलों के कैबिनेट और राज्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
इस बैठक के बाद पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया।
पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक बैठक में इन दोनों संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का फैसला किया गया। इससे पहले इन दोनों संगठनों को आंतरिक मंत्रालय की निगरानी सूची में रखा गया था।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब इन संगठनों पर पाबंदी लगी हो, लेकिन हर बार किसी न किसी बहाने से इन्हें कुछ दिन बाद ही छूट दे दी जाती है।
इस दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बयान जारी कर कहा कि, पाकिस्तान पुलवामा हमले में किसी भी तरह से शामिल नहीं था। हमले की कल्पना, साजिश और क्रियान्वयन भारत की धरती पर ही हुआ। बयान में कहा गया कि, ‘यह नया पाकिस्तान है और हम लोगों को दृढ़ता से विश्वास दिलाते हैं कि यह देश अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम है।’
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