अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाएं तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी को करार झटका लगेगा। खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यह अनुमान जब हाल के सर्वे में सामने आए तो उत्तर प्रदेश के रास्ते सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाली बीजेपी के हाथ पांव फूल गए। ऐसी स्थिति में बीजेपी ने अपनी पुरानी रणनीति पर अमल करते हुए वोटों के ध्रुवीकरण की कवायद तेज़ कर दी है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने 2013 के सितंबर-अक्टूबर में मुजफ्फरनगर दंगों के 18 मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने मुजफ्फरनगर जिले के अफसरों को इन मुकदमों के संबंध में अदालत में अपील दायर करने के निर्देश दिए हैं। मुजफ्फरनगर के एडीएम – ई ने इस निर्देश की पुष्टि करते हुए बताया कि ये मुकदमे भौराकलां और फुगाना थाना क्षेत्र के हैं।
एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने बताया कि सरकार ने मुकदमे वापस लेने के लिए 13 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। उनके पास अभी सूची नहीं आई है, लेकिन इस बारे में एक आदेश आने की जानकारी मिली है। गौरतलब है कि 2013 के दंगों के मामले में बीजेपी और भारतीय किसान यूनियन ने पिछले साल फरवरी में सरकार से दंगों के 125 मामले वापस लेने की मांग की थी। इस मांग के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी ने सरकार ने रिपोर्ट तलब की थी।
सूत्रों का कहना है कि अब सरकार ने डीएम राजीव शर्मा को पत्र भेजकर इन 125 मुकदमों में से 18 मुकदमे वापस लिए जाने की मंजूरी देते हुए अदालत में अपील दायर करने के निर्देश दिए हैं। यह पत्र उत्तर प्रदेश के विधि विभाग के विशेष सचिव, जे जे सिंह की तरफ से भेजा गया है।
Published: 28 Jan 2019, 12:03 AM IST
मुजफ्फरनगर के सरकारी वकील राजीव सिंह शर्मा ने इस बारे में कहा कि मुकदमे वापसी के लिए शासन का पत्र मिल गया है। इसके बाद अब अदालत में अपील की जाएगी, लेकिन आखिरी फैसला अदालत का ही होगा।
Published: 28 Jan 2019, 12:03 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 28 Jan 2019, 12:03 AM IST