कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए सोमवार को सवाल किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) किसी दलित, मुस्लिम या महिला को कब अपना सरसंघचालक नियुक्त करेगा।
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सपकाल ने मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यह सवाल किया जिसमें प्रधानमंत्री ने कांग्रेस से कहा था कि अगर मुसलमानों के प्रति उसकी हमदर्दी सच्ची है तो उसे किसी मुसलमान को अपना अध्यक्ष बनाना चाहिए।
सपकाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बयान बेहूदा एवं अनुचित है और हम उनकी टिप्पणियों की निंदा करते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने पिछले 11 साल में समुदायों और जातियों के बीच केवल नफरत फैलाई है।
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सपकाल ने कहा, ‘‘संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर और पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध सर्वविदित हैं।’’,उन्होंने कहा कि नेहरू ने आंबेडकर को प्रथम कानून मंत्री की सम्मानपूर्वक जिम्मेदारी सौंपी थी।
सपकाल ने कहा, ‘‘आज कांग्रेस अध्यक्ष भी एक दलित हैं लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कब किसी दलित, मुस्लिम या महिला को अपना सरसंघचालक नियुक्त करेगा।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस के योगदान के बारे में सभी जानते हैं और इसके गौरवशाली इतिहास को मोदी या कोई और नकार नहीं सकता।
सपकाल ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में भारत ने साक्षरता से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण तक के क्षेत्रों में प्रगति की है।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी 11 साल से सत्ता में हैं। उन्होंने देश के लिए क्या अच्छा किया है? उन्होंने केवल हिंदुओं और मुसलमानों, दलितों और ऊंची जातियों एवं ओबीसी के बीच नफरत पैदा करने का काम किया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने तीन तलाक और वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दों को उठाकर मुसलमानों के लिए झूठी चिंता दिखाई।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इन 11 साल में एक भी मुस्लिम महिला को विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया। एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मुसलमानों और दलितों के खिलाफ अत्याचारों में काफी वृद्धि हुई है और इनमें भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्याएं किए जाने की घटनाएं भी शामिल हैं तथा इसके अलावा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और युवा बेरोजगार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने (मोदी ने) लोगों से बर्तन बजवाए; अब उन्हें अमेरिकी शुल्क पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’
सपकाल ने आरोप लगाया कि वैचारिक समूहों के रूप में भाजपा और आरएसएस ने आंबेडकर का बार-बार अपमान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस ने आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान को कभी स्वीकार नहीं किया।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि झूठे इतिहास से लोगों को गुमराह करना आरएसएस के सिद्धांत का मुख्य हिस्सा है।
सपकाल ने कहा, ‘‘लेकिन इस तरह के बयान वास्तविक इतिहास को दफन नहीं कर पाएंगे, न ही वे आरएसएस, भाजपा और मोदी द्वारा किए गए पापों को धो पाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि संविधान जाति या धर्म की परवाह किए बिना हर व्यक्ति से प्रेम करना सिखाता है।
सपकाल ने कहा, ‘‘सभी को साथ लेकर चलना भारत की परंपरा है। संत ज्ञानेश्वर का ‘आता विश्वात्मके देवे’ का दर्शन इस भावना और दर्शन का प्रतीक है जिसका कांग्रेस समर्थन करती है।’’
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