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दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचा, बाढ़ प्रभावित इलाकों में मंडराया बीमारियों का खतरा

दिल्‍ली में बाढ़ का पानी हटने के बाद अब बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। जब भी बाढ़, तूफान जैसी स्थिति बनती है, उसके बाद हवा में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो लोगों को बीमार करती है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। आज सुबह 6 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.25 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अब यमुना के जलस्तर में लगातार गिरावट आएगी। वहीं, हथिनी कुंड बैराज से पिछले कुछ दिनों से पानी छोड़ने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। हर घंटे औसतन 40-50 हजार क्यूसेक ही पानी छोड़ा जा रहा है। यही वजह है कि यमुना के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। उम्मीद है कि दोपहर बाद यमुना का जलस्तर 205 से भी कम हो जाए।

दिल्ली के कुछ इलाकों में अभी भी जलजमाव है। दिल्ली के राजघाट में जलभराव देखा गया। इसके अलावा भी कुछ निचले इलाकों में जलभराव है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्‍ली में मंगलवार को बारिश के बाद जगह-जगह फिर जलजमाव हो गया। मौसम विभाग ने आज भी मध्यम स्तर की बारिश का अनुमान जताया है।

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वहीं, हफ्ते भर से बंद चल रहा कश्मीरी गेट ISBT आज खुल सकता है। सिंघु बॉर्डर से पाबंदी हटा ली गई है। दिल्‍ली के तीनों पावर प्लांट पूरी क्षमता से काम करने लगे हैं। वहीं, बाढ़ का पानी निकलने के बाद प्रभावित इलाकों में फंगल इंफेक्शन का खतरा मंडरा रहा है। आंखें लाल हों तो नजरअंदाज न करें। कंजक्टिवाइटिस हो सकता है।

दिल्‍ली में बाढ़ का पानी हटने के बाद अब बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। जब भी बाढ़, तूफान जैसी स्थिति बनती है, उसके बाद हवा में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो लोगों को बीमार करती है। डॉक्टरों के पास पहुंच रहे मरीजों में स्किन एलर्जी, फंगस, डायरिया और आंखों से जुड़ी परेशानी वाले लोगों की संख्या अधिक है।

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वहीं, यमुना किनारे बाढ़ का असर कम होने के साथ ही अब सांपों का खतरा बढ़ गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि बाढ़ की वजह से जीव जंतुओं को भी खतरा हुआ है। वे भी अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में आशंका है कि वह घरों में भी घुस सकते हैं। यमुना किनारे लगे राहत शिविरों के आसपास से भी सांप मिलने की शिकायतें आ रही हैं। पर्यावरण मंत्री ने वन विभाग को रैपिड रिस्पांस टीम बनाने के निर्देश दिए हैं। यह टीम प्रभावित जिले से मिलने वाली शिकायतों पर काम करेगी। साथ ही वन विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर 1800118600 भी जारी किया है।​ इस पर लोग संपर्क कर सकते हैं।

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