वाईएसआरसीपी के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने शनिवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ दे दिया। उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा।
रेड्डी ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि राज्यसभा में उनके छह साल के कार्यकाल में अभी साढ़े तीन साल बाकी हैं, इसके बाद भी उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से अपना इस्तीफा दे दिया है।
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धनखड़ से मिलने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया है।’’
इससे पहले, वाईएसआरसीपी के नेता मड्डिला गुरुमूर्ति ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी तथा वाई एस जगनमोहन रेड्डी को फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाने के लिए पार्टी में एकता के महत्व पर बल दिया था।
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विजयसाई रेड्डी ने शुक्रवार शाम को कई लोगों को उस वक्त चौंका दिया जब उन्होंने संसद से इस्तीफा देने और राजनीति से हटकर कृषि पर ध्यान केंद्रित करने की अपनी मंशा की घोषणा की।
गुरुमूर्ति ने यहां रेड्डी के निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम सभी चाहते हैं कि वह (विजयसाई रेड्डी) हमारी पार्टी में बने रहें। कृपया राजनीति से बाहर न जाएं। आप जैसे अनुभवी लोग पार्टी के लिए जरूरी हैं। जगन को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए मैंने अनुरोध किया कि हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए।’’
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