शख्सियत

गुरु दत्त की 100वीं जयंती: पोती करुणा का खुलासा, 'दादा जी को था सब्जियां उगाने का शौक'

गुरु दत्त की जयंती पर एक खास इंटरव्यू में फिल्ममेकर मेकर की पोतियों गौरी और करुणा दत्त ने उनकी निजी जिंदगी, शौक और पारिवारिक जीवन से जुड़े राज का खुलासा किया।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली और रहस्यमय फिल्मकार और अभिनेता गुरु दत्त को आज भी लोग उनकी बेहतरीन फिल्मों और भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए याद करते हैं। इस साल उनकी 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर उनके परिवार ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। साथ ही उनकी पोतियों ने उनके शौक को लेकर बड़ी दिलचस्प बातें बताईं।

Published: undefined

गुरु दत्त की जयंती पर एक खास इंटरव्यू में फिल्ममेकर मेकर की पोतियों गौरी और करुणा दत्त ने उनकी निजी जिंदगी, शौक और पारिवारिक जीवन से जुड़े राज का खुलासा किया।

जब आईएएनएस ने उनसे पूछा, "हमने सुना है कि गुरु दत्त हमेशा काम में बिजी रहते थे। तो क्या वे परिवार के साथ छुट्टियों पर जा पाते थे?"

तो गौरी ने जवाब दिया, "मुझे लगता है कि वे कोशिश करते थे कि जितना हो सके, परिवार के साथ समय बिताएं। जब भी वे किसी फिल्म की शूटिंग के लिए बाहर होते थे, तो चिट्ठियां लिखते थे और काम खत्म होने पर छुट्टियों की योजना भी बनाते थे।"

Published: undefined

करुणा ने कहा, "हमारा लोनावला में एक फार्महाउस था, और मेरे पापा की उस जगह से बहुत खास यादें जुड़ी हैं। उन्होंने वहां बहुत समय बिताया था। वो जगह बहुत सादा थी; वहां कोई बड़ा या आलीशान बंगला नहीं था। मेरे दादा वहां चूजों का अंडों से निकलना दिखाते थे, और हां, उन्हें सब्जियां उगाने का बड़ा ही शौक था। वे हमेशा कोशिश करते थे कि बच्चों में जिंदगी के प्रति जिज्ञासा पैदा हो।"

गुरु दत्त की याद में हाल ही में उनकी छह फिल्मों को डिजिटली रीस्टोर कर देशभर के सिनेमाघरों में फिर से रिलीज किया गया। इनमें 'प्यासा', 'बाज', और 'चौदहवीं का चांद' जैसी फिल्में शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य नई पीढ़ी को गुरु दत्त की सिनेमाई विरासत से रूबरू कराना है।

Published: undefined

बता दें कि गुरु दत्त 1940 और 1950 के दशक में खासे सक्रिय रहे। उन्होंने 'प्यासा', 'साहिब बीबी और गुलाम', 'चौदहवीं का चांद', 'मिस्टर एंड मिसेज 55' जैसी कई बेहतरीन फिल्में दीं। अपने करियर में उन्होंने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।

महज 39 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। गुरु दत्त के बेटे अरुण दत्त ने एक इंटरव्यू में कहा था, ''मेरे पिता को नींद न आने की समस्या थी। वे अकसर नींद की गोलियां लेते थे, जैसा आम लोग करते हैं। उस रात वे शराब के नशे में थे और नींद की गोलियों की ओवरडोज ले ली थी, जिससे उनकी मौत हो गई।''

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined