राजनीति

पवार को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, स्याह रात में खेला गया सियासत का खेल!

अभी अखबार के पन्ने पलटे भी नहीं गए थे कि महाराष्ट्र में सरकार बन गई, लेकिन वह नहीं जो अखबार में छपा था। मुख्यमंत्री फिर से बीजेपी के देवेंद्र फडविस बन चुके थे और उनके डिप्टी के तौर पर खेमा बदलकर कुलांचे भरते हुए दूसरी तरफ जा पहुंचे अजित पवार भी हलफ उठा चुके थे।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

स्याह अंधेरी रात की सियासत में महाराष्ट्र की किस्मत चंद घंटों में पलट गई। लोग अभी सुबह के अखबार की सुर्खियां पढ़ने में मशगूल थे, जिनमें पहले पन्ने पर मोटे अक्षरों में छपा था कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे होंगे और आज महाराष्ट्र को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार मिल जाएगी। लेकिन राजनीति की बिसात में कब कौन सा मोहरा कुलांचे भरता दूसरे सिरे पहुंचकर वजीर बन जाएगा, इसका पूर्वानुमान लगाना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर होता है। और यही हुआ महाराष्ट्र की सियासत में।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

कल देर रात तक शरद पवार, अजित पवार, उद्धव ठाकरे, संजय राउत और तमाम दिग्गज सिर जोड़े महाराष्ट्र में सरकार बनाने की प्रक्रिया के आखिरी नोंक-पलक संवार रहे थे। इस बैठक के बाद बाहर निकले शरद पवार ने साफ कहा था कि उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति हो गई है, बाकी सब कल (यानी आज) बताया जाएगा। उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि कल (यानी आज) होने वाली पत्रकार परिषद (प्रेस कांफ्रेंस) में सबकुछ ऐलान कर दिया जाएगा। बिसात बिछ गई थी, मोहरे अपनी जगह जम गए थे और बाजी आज सुबह शुरु होनी थी।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

लेकिन, कहीं दूर, रात की स्याही में सियासत की एक और बिसात बिछ चुकी थी। इस बिसात का एक मोहरा कुलांचे भरता दूसरे खेमे में पहुंचकर वजीर बन चुका था। सुबह का अखबार आया, सुर्खियां चिल्लाकर बता रही थीं कि आज महाराष्ट्र में सरकार बनेगी। अभी अखबार के पन्ने पलटे भी नहीं गए थे कि महाराष्ट्र में सरकार बन गई, लेकिन वह नहीं जो अखबार में छपा था। मुख्यमंत्री फिर से बीजेपी के देवेंद्र फडविस बन चुके थे और उनके डिप्टी के तौर पर खेमा बदलकर कुलांचे भरते हुए दूसरी तरफ जा पहुंचे अजित पवार भी हलफ उठा चुके थे।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

राजनीतिज्ञ, राजनीतिक विश्लेषक, मतदाता, पाठक, आलोचक...सब भौंचक्के थे। देवेंद्र फडणविस ने शपथ लेने के बाद अजित पवार को शुभकामानएं दी और धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर राजभवन के रजिस्टर में फडणविस के दस्तखत की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बधाई भरा ट्वीट सामने आ गया। उन्होंने महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य की कामना की थी। पीएम के ट्वीट के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर बीजेपी के मंत्री-संत्री सबके ट्विटर चहचहा उठे। बधाइयों और शुभकानाओं का तांता लग गया। लेकिन यह सब पढ़-देखकर इतना तो साफ होने लगा कि जिस त्वरित गति से पीएम का ट्वीट प्रकट हुआ, उससे पूरे नाट्यक्रम की पटकथा पहले से तय और लिखित ही नजर आई।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

ठीक ही कहा संजय राउत ने अजित पवार के बारे में। उन्होंने कहा, “यह महाशय कल रात हमारे साथ बैठक में थे, लेकिन उनकी देहभाषा कुछ अलग थी, अब समझ में आया कि मामला क्या था।“ राउत साहब पुरानी कहावत है, जो मारे वह मीर, यानी जो पहला दांव चलदे, विजेता वही है।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

अब तक शक की सुई सिर्फ और सिर्फ शरद पवार की ही तरफ थी। पवार साहब को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, उन्हें समझने के लिए सौ जन्म लेने पड़ेंगे आदि आदि दोहराए जाने लगे। लेकिन शपथ ग्रहण के बाद का पहला घंटा बीतते-बीतते शरद पवार ने इस सब पर हैरानी जताई। वे कह रहे हैं कि उन्हें हवा नहीं लगी, उन्हें तो सुबह 7 बजे पता चला। हो सकता है शरद पवार सही कह रहे हों, हो सकता है भतीजे की चुनाव पूर्व नाराजगी को कुछ समय के लिए शांत कर चुके शरद पवार निश्चिंत हो चुके हों, लेकिन महाराष्ट्र की सियासत की रग-रह से वाकिफ शरद पवार को इसकी हवा नहीं थी, यह कुछ गले उतरने वाली बात नहीं है।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और जनादेश की हत्या बताया है। बाकी दल भी प्रतिक्रिया दे र हे हैं। खबरे आ रही हैं कि आज दिन में शरद पवार और उद्धव ठाकरे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। उम्मीद है इससे तस्वीर कुछ और साफ होगी, लेकिन फिलहाल एक ही तस्वीर है जो बताती है कि संविधान और सियासत से जब रात की स्याही में खिलवाड़ होता है तो जब देश सो रहा होता है तो कोई राज्य अपनी अलग किस्म की तकदीर लिए जाग रहा होता है।

Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST

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Published: 23 Nov 2019, 11:09 AM IST