सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने मंगलवार को चेतावनी दी कि वह पार्टी के नाम का दुरुपयोग करने की कोशिश करने के लिए अलग हुए गुट के नेताओं के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराएगा। उन्होंने कहा कि एसएडी निर्वाचन आयोग की 1996 की अधिसूचना के तहत एक पंजीकृत और मान्यता प्राप्त पार्टी है।
पार्टी का यह बयान अकाल तख्त के पूर्व कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को अमृतसर में आयोजित प्रतिनिधि सत्र की बैठक में सर्वसम्मति से एसएडी के अलग हुए गुट का अध्यक्ष चुने जाने के एक दिन बाद आया है। अकाल तख्त द्वारा नियुक्त समिति ने सोमवार को अमृतसर के गुरुद्वारा बुर्ज अकाली फूला सिंह में शिरोमणि अकाली दल से अलग हुए समूह का प्रतिनिधि सत्र आयोजित किया।
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बागी अकाली नेताओं ने बैठक के दौरान अपने गुट को असली शिरोमणि अकाली दल कहा और सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले संगठन को भगोड़ा दल करार दिया, जिसने दो दिसंबर, 2024 को शिरोमणि अकाली दल को पुनर्जीवित करने के अकाल तख्त के निर्देश की अवहेलना की।
मंगलवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए बादल के नेतृत्व वाले अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने अलग हुए धड़े को ‘वखरा चूल्हा’ पार्टी करार दिया और उनसे कहा कि वे झूठे दावे करके पंजाबियों को ‘धोखा’ देने की कोशिश न करें। ‘वखरा चूल्हा’ से आशय एक ऐसे व्यक्ति या संगठन से है जो अपने तरीके से काम करता है और दूसरों से अलग रहता है।
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उन्होंने कहा, “इस समय शिरोमणि अकाली दल के 100 प्रतिशत प्रतिनिधि पार्टी के साथ हैं।” चीमा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के सभी प्रतिनिधि पिछली कार्यकारिणी समिति के कार्यकाल की समाप्ति के बाद हुए चुनाव के बाद चुने गए थे। उन्होंने कहा कि ‘वखरा चूल्हा’ के सदस्यों ने सदस्यता अभियान में भाग नहीं लिया था।
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उन्होंने कहा, “अलग समूह ने पार्टी के संविधान के अनुसार सदस्यता अभियान नहीं चलाया, जिसमें यह प्रावधान है कि प्रत्येक सदस्य को 10 रुपये का शुल्क देना होगा। इसलिए, उन्हें अपने गुट की बैठक को एसएडी का प्रतिनिधि सत्र कहने का कोई अधिकार नहीं है और उनके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी में संलिप्त होने के लिए कार्रवाई की जा सकती है।” उन्होंने इस कदम को अवैध, असंवैधानिक और अनैतिक करार दिया और कहा कि एसएडी इस संबंध में औपचारिक आपराधिक शिकायत दर्ज करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रहा है।
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