खेल

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: 66 मेडल के साथ खत्म हुआ भारत का अभियान, पाया तीसरा स्थान 

21वां राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए शानदार रहा। कॉमनवेल्थ में भारत का यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। आखिरी दिन भारत की झोली में 1 स्वर्ण के साथ 4 रजत और 2 कांस्य पदक आए। 

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 खत्म

21वें राष्ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार सफलता हासिल करते हुए कुल 7 पदक जीते। सायना ने देश को 26वां स्वर्ण पदक दिलाया जबकि इसके अलावा भारत की झोली में 4 रजत और दो कांस्य भी आए। भारत को अंतिम दिन बैडमिंटन से एक स्वर्ण और दो रजत पदक हासिल हुए। महिला एकल वर्ग में जहां एक ओर सायना ने स्वर्ण पदक जीता, वहीं पी.वी. सिंधु को रजत पदक हासिल हुआ। महिला एकल वर्ग के स्वर्ण पदक का मुकाबला सायना और सिंधु के बीच ही था।

राष्ट्रमंडल खेलों के आखिरी दिन 66 पदकों के साथ भारत ने अपने शानदार अभियान को खत्म किया। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में यह भारत का तीसरा र्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत ने कुल 66 पदक जीते हैं, जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। इसके साथ ही भारत पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा।

मेजबान आस्ट्रेलिया 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 198 पदकों के साथ पदक तालिका में टॉप पर रहा। उसने 80 स्वर्ण पदक जीते। इंग्लैंड ने 136 पदकों के साथ दूसरा और भारत ने 66 पदकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

मेजबान आस्ट्रेलिया कुल 198 पदकों के साथ पदक तालिका में टॉप पर रहा। आस्ट्रेलिया ने 80 स्वर्ण के साथ 59 रजत और इतने ही कांस्य पदक जीते। इंग्लैंड 136 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 71 देशों और टेरेटरीज ने हिस्सा लिया, जिनमें से 43 के हिस्से पदक आए।

Published: 15 Apr 2018, 3:39 PM IST

भारत को किस खेल में कितने मेडल मिले?

  • निशानेबाजी: 7 गोल्ड, 4 सिल्वर, 5 ब्रॉन्ज, कुल 16
  • भारोत्तोलन: 5 गोल्ड, 2 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज, कुल 9
  • कुश्ती: 5 गोल्ड, 3 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज, कुल 12
  • बॉक्सिंग: 3 गोल्ड, 3 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज, कुल 9
  • टेबल टेनिस: 3 गोल्ड, 2 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज, कुल 8
  • बैडमिंटन : 2 गोल्ड, 3 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज, कुल 6
  • एथलेटिक्स: 1 गोल्ड, 1 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज, कुल 3
  • स्क्वैश: 0 गोल्ड, 2 सिल्वर, 0 ब्रॉन्ज, कुल 2
  • पैरा पवरलिफ्टिंग: 0 गोल्ड, 0 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज, कुल 1

Published: 15 Apr 2018, 3:39 PM IST

सायना राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। वल्र्ड नम्बर-12 सायना ने इससे पहले 2010 में राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सायना ने स्वर्ण पदक के लिए खेले गए महिला एकल वर्ग के मैच में विश्व चैम्पियनशिप में दो बार रजत और ओलम्पिक में भी रजत जीत चुकीं हमवतन सिंधु को 56 मिनट में 21-18, 23-21 से मात देकर राष्ट्रमल खेलों का दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

इसके अलावा, पुरुष एकल वर्ग में श्रीकांत को भी रजत पदक मिला। उन्हें स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मैच में मलेशिया के दिग्गज और राष्ट्रमंडल खेलों में रिकार्ड पांच बार स्वर्ण पदक जीत चुके ली चोंग वेई ने मात दी। वर्ल्ड नम्बर-7 ली ने वल्र्ड नम्बर-1 श्रीकांत को एक घंटे और पांच मिनट तक चले मैच में 19-21, 21-14, 21-14 से मात देकर जीत हासिल की और पांचवें स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। श्रीकांत को भले ही हार के कारण रजत पदक मिला हो, लेकिन वह राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पदक का खाता खोलने मे सफल रहे। वह पिछली बार ग्लोग्सो में 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में केवल क्वार्टर फाइनल तक का सफर ही तय कर पाए थे। ऐसे में यह उनका राष्ट्रमंडल खेलों का पहला पदक है।

पुरुष युगल वर्ग में भी भारत को रजत पदक मिला। भारतीय जोड़ी को स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मैच में 38 मिनट के भीतर इंग्लैंड की मार्कस एलिस और क्रिस लेंगरिज की जोड़ी ने सीधे गेमों में 13-21, 16-21 से मात दी।

वहीं, चिराग और सात्विक की जोड़ी राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष युगल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली जोड़ी बन गई है। इससे पहले कोई भी भारतीय पुरुष युगल जोड़ी पदक जीतने में असफल रही थी।

भारत की महिला स्क्वॉश जोड़ी दीपिका पल्लिकल कार्तिक और जोशना चित्नप्पा ने महिला युगल के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और वे स्वर्ण पदक से चूक गईं। जोशना-दीपिका की जोड़ी को स्वर्ण पदक के मुकाबले में न्यूजीलैंड की जोले किंग और अमांडा लैंडर्स मर्फी की जोड़ी से हार मिली। ऐसे में भारतीय जोड़ी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। जोले और मर्फी की जोड़ी ने 21 मिनट तक चले मैच में दीपिका-जोशना की जोड़ी को 11-9, 11-8 से मात दी और सोना जीता। इस हार के कारण दीपिका और चिनप्पा 2014 में ग्लास्गो में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में जीते गए अपने स्वर्ण पदक को नहीं बचा पाईं।

भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरथ कमल और मनिका बत्रा-साथियान गणाशेखरन की भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी ने यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में आखिरी दिन रविवार को क्रमश: पुरुषों की एकल स्पर्धा और मिश्रित युगल स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। शरथ ने जहां राष्ट्रमंडल खेलों का दूसरा कांस्य पदक अपने नाम किया है, वहीं मनिका-साथियान की जोड़ी ने पदक जीत कर इतिहास रचा है। मनिका-साथियान की जोड़ी राष्ट्रमंल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी है। इससे पहले कोई भई भारतीय जोड़ी मिश्रित युगल स्पर्धा में पदक नहीं जीत पाई थी।

पुरुष एकल वर्ग स्पर्धा में शरथ के लिए यह जीत आसान नहीं थी। उन्होंने सैमुएल को 4-1 (11-7, 11-9, 9-11, 11-6, 12-10) से हराकर इस मैच को जीता और आखिरकार कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।

शरथ ने 2006 में मेलबर्न में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल वर्ग स्पर्धा का सोना जीता। 2010 में राजधानी दिल्ली में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।

मनिका-साथियान की जोड़ी ने मिश्रित युगल स्पर्धा के कांस्य पदक के लिए खेले गए इस मैच में अपनी हमवतन अचंता शरथ और मौमा दास की जोड़ी को मात दी। मनिका और साथियान की जोड़ी ने शरथ-मौमा को एकतरफा मुकाबले में 3-0 (11-6, 11-2,11-4) से हराकर इन खेलों का पहला कांस्य पदक हासिल किया। मनिका ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में चौथा पदक जीता है। शनिवार को मनिका ने महिलाओं के एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था जबकि इससे पहले उन्होंने महिला टीम का हिस्सा रहते हुए स्वर्ण जीतने के अलावा इससे पहले मौमा दास के साथ महिला युगल स्पर्धा का रजत पदक जीता था। में दीपिका-जोशना की जोड़ी को 11-9, 11-8 से मात दी और सोना जीता।

भारत ने इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 66 पदक जीते हैं। ग्लास्गो में हुए इन खेलों के 20वें संस्करण में भारत ने 64 पदक जीते थे। हालांकि,भारत 2010 में राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में जीते गए 101 पदक के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया।

साल 2014 की तुलना में भारत ने इस बार अधिक स्वर्ण पदक जीते हैं। ग्लास्गो में उसने 15 स्वर्ण पदक हासिल किए थे और इस बार उसने 26 स्वर्ण पदक जीते हैं। हालांकि, इसमें भी 2010 की तुलना में पीछे रह गया, जिसमें उसने 38 सोने के पदक जीते थे।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

Published: 15 Apr 2018, 3:39 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 15 Apr 2018, 3:39 PM IST