पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड ग़ाज़ी अब्दुल रशीद देर तक चली मुठभेड़ में ढेर हो गया। इस वीडियो में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किस के कहने पर ग़ाज़ी भारत आया था और इस किस बात का बदला लेने के लिए किया उसने इतना बड़ा आतंकी हमला।
अब्दुल रशीद जैश-ए-मौहम्मद आतंकी समूह के चीफ मसूद अज़हर का सबसे करीबी सहयोगी था। आईडी के एक्सपर्ट रशीद ने ही हमले को अंजाम देने वाले आदिल को इस काम के लिए तैयार किया था। पिछले साल दिसंबर में ग़ाज़ी अपने दो साथियों के साथ घाटी में प्रवेश करने में सफल हुआ था।
ग़ाज़ी को कशमीर, अज़हर मसूद ने अपने दो भतीजों तल्हा रशीद और उसमान की मौत का बदला लेने के लिए भेजा था, जिनकी 2017 और 2018 में पुलवामा में हत्या कर दी गई थी।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पुलवामा हमले से ठीक एक दिन पहले हुए मुठभेड़ में गाज़ी रशीद किसी तरह भाग निकला। 55RR, CRPF और SOG के जवानों द्वारा रविवार रात 12 बजे शुरू किए गए ऑपरेशन में आखिरकार गाज़ी मारा गया।
तालिबान में ट्रेनिंग लेने के बाद गाज़ी ने 2008 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह ज्वाइन किया था और 2010 में वह उत्तरी वजीरिस्तान आ गया था।
इसके बाद गाज़ी आतंक की दुनिया का एक बड़ा नाम बन गया और कुछ ही समय बाद उसने पाकिस्तान की सीमा वाले कश्मीर के इलाकों में युवा लड़ाकों को जंग के लिए तैयार करना शुरू कर दिया।
Published: 18 Feb 2019, 4:19 PM IST
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Published: 18 Feb 2019, 4:19 PM IST