अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: मौजूदा वित्त वर्ष में नई सरकारी योजना की शुरुआत नहीं करेगा केंद्र और SBI को हुआ मुनाफा

कोरोना संकट के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर के बीच मोदी सरकार ने अहम फैसला लिया। केंद्र मौजूदा वित्त वर्ष में कोई भी नई सरकारी योजना की शुरुआत नहीं करेगा और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने वित्त वर्ष 2020 और इसकी चौथी तिमाही का अपना परिणाम घोषित कर दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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कोरोना इफेक्ट: इस वित्त वर्ष नहीं शुरू होगी कोई नई स्कीम

कोरोना संकट के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर के बीच मोदी सरकार ने शुक्रवार को अहम फैसला लिया। केंद्र मौजूदा वित्त वर्ष (2020-21) में कोई भी नई सरकारी योजना की शुरुआत नहीं करेगा। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को नई योजनाओं को इस वित्त वर्ष के आखिर तक शुरू नहीं करने के लिए कहा है। हालांकि, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है। वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार, कोई भी सरकारी योजनाओं को इस साल स्वीकृति नहीं दी जाएगी। पहले से ही स्वीकृत नई योजनाओं को 31 मार्च, 2021 या फिर अगले आदेशों तक स्थगित किया जाता है। हालांकि, सरकार की आत्‍मनिर्भर योजना पर ये नियम लागू नहीं होगा।

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फोटो: सोशल मीडिया
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पिछले वर्ष की तुलना में SBI को इस साल चार गुना मुनाफा

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने वित्त वर्ष 2020 और इसकी चौथी तिमाही का अपना परिणाम घोषित कर दिया है। एसबीआई को वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में 3,580।81 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, साथ ही नतीजों के बाद एसबीआई के शेयर में 8 फीसदी का उछाल भी आया है। बता दें कि बैंक ने पिछले वित्त-वर्ष 2018-19 की तुलना में इस साल लगभग चार गुना अधिक लाभ कमाया है। बैंक को पिछले साल 838।40 का शुद्ध लाभ हुआ था। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा वित्तीय परिणाम ऐसे समय आया है जब देश में कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के पांचवे चरण में है। इस बीच लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया और कई व्यवसायों को अपने प्रोजेक्ट को कम करने पर मजबूर किया। अपनी एक रिपोर्ट में एसबीआई ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही में परिचालन से इसकी कुल आय 76,027।51 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले यह 75,670।50 करोड़ रुपये थी। पूरे वित्त वर्ष 2020 की बात करें, तो कंपनी का शुद्ध लाभ 14,488 करोड़ रुपये रहा है।

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मसूर आयात शुल्क में कटौती को लेकर सरकार की नीति पर उठे सवाल

किसानों को उनकी फसलों का उचित व वाजिब दाम दिलाने को प्रतिबद्ध केंद्र सरकार की नीति पर मसूर आयात शुल्क में कटौती को लेकर सवाल उठने लगे हैं। केंद्र सरकार ने मसूर पर आयात शुल्क 30 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है, जिससे चना समेत अन्य दलहनों के दाम पर भी दबाव आ सकता है और किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाना मुश्किल होगा। दाल कारोबारी समेत बाजार विषेषज्ञों ने मसूर पर आयातशुल्क घटाने को लेकर सरकार की नीति पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इस समय एकमात्र दलहन फसल मसूर है जिसका किसानों को अच्छा भाव मिल रहा है, लेकिन सरकार ने आयात शुल्क घटाकर उनके हितों की अनदेखी की है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि मसूर पर आयातशुल्क में कटौती करने का फैसला किसानों के हक में नहीं है, क्योंकि इससे चना के दाम पर भी दबाव आएगा। चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4875 रुपये है जबकि इस समय बाजार में चना 3800-4000 रुपये प्रतिक्विंटल बिक रहा है।

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Hindustan Times

RBI ने पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाने की घोषणा की

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 250 करोड़ रुपये के एक शुरुआती योगदान के साथ एक पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट फंड बनाने की घोषणा की। इस फंड से टीयर-3 से लेकर टीयर-6 तक के केंद्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में कारोबारियों को पीओएस मशीन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पीओएस मशीनों के जरिए कारोबारी डिजिटल तरीके से भुगतान स्वीकार सकते हैं। इससे उन्हें नकदी के साथ सौदा करने की जरूरत नहीं रहती, जिससे जोखिम भी नहीं उठाना पड़ता। पिछले कुछ समय से रिजर्व बैंक देश में ई-भुगतान प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। आरबीआई ने एक बयान में कहा, पिछले वर्षों के दौरान देश में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र बैंक खातों, मोबाइल फोन, कार्ड आदि जैसे कई विकल्पों के साथ विकसित हुआ है। आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि भुगतान प्रणाली के डिजिटीकरण को और बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में एक्सेप्टेंस इंफ्रास्ट्रक्च र के विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है। खासकर पिछड़े क्षेत्रों में इसे बढ़ावा देने की और भी ज्यादा जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक, वह 250 करोड़ रुपये के शुरुआती योगदान के साथ इस फंड को शुरू करेगा। बाकी आधी राशि देश में काम कर रहे कार्ड इशुइंग बैंक और कार्ड नेटवर्क लगाएंगे।

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Airtel-अमेजन में हो रही बड़ी डील!

देश की दिग्‍गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के बीच एक बड़ी डील की खबर आई है। न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक संभावित निवेश के लिए एयरटेल और अमेजन शुरुआती बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि अमेजन और एयरटेल के बीच संभावित निवेश और इक्विटी हिस्सेदारी के लिए बातचीत चल रही है। हालांकि, यह बातचीत काफी शुरुआती चरण में है। वहीं, अमेजन कितना निवेश करना चाहती है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि यह निवेश दो अरब डॉलर का हो सकता है। इस डील के बारे में भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम सामान्य रूप से सभी डिजिटल और ओटीटी प्‍लेयर्स के साथ काम करते हैं। हम अपने ग्राहक आधार को व्यापक करने के लिए उनके उत्पाद, सामग्री और सेवाएं लाने के लिए बातचीत करते हैं। इसके अलावा हमारे पास बताने को कुछ नहीं है।’’ वहीं अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इन अटकलों पर प्रतिक्रिया नहीं देती कि वह अब या भविष्य में क्या करेगी।

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(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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