हिंडनबर्ग रिपोर्ट से मचे भूचाल के बीच अडानी समूह में निवेश को लेकर LIC ने किया बड़ा ऐलान

एलआईसी के चेयरमैन ने कहा कि हम अडानी समूह प्रबंधन को कभी-कभी सिर्फ बिजनेस प्रोफाइल जानने के लिए बुलाएंगे। साथ ही हम इस बात की जानकारी समय-समय पर लेंगे कि ग्रुप में किन योजनाओं पर काम किया जा रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद जहां अडानी समूह कई मोर्चों पर घिरा हुआ है। समूह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे समय में भी एक बार फिर एलआईसी ने अडानी समहू पर भरोसा जताया है। एलआईसी ने साफ कर दिया है कि वह अडानी समूह में अपना निवेश नहीं घटाएगा। एलआईसी ने ऐलान किया है कि अडानी समूह में उनका निवेश जस का तस रहेगा और इसे बिल्कुल भी घटाया नहीं जाएगा।

एलआईसी के चेयरमैन ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम अडानी समूह प्रबंधन को कभी-कभी सिर्फ बिजनेस प्रोफाइल जानने के लिए बुलाएंगे। साथ ही हम इस बात की जानकारी समय-समय पर लेंगे कि ग्रुप में किन योजनाओं पर काम किया जा रहा है और इन्हें कैसे प्रबंधित किया जा रहा है।

इससे पहले एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा था कि एलआईसी के अधिकारी जल्द ही अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन से मिलेंगे, ताकि यह पता चल सके कि शॉर्ट सेलर्स की रिपोर्ट के बाद क्या हो रहा है और वे कैसे मुद्दों का प्रबंधन कर रहे हैं, जिसमें विभिन्न कदाचार का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी हितधारकों के लिए मूल्य का अनुकूलन करने के लिए एक पोर्टफोलियो मिश्रण बनाने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखे हुए हैं और इस संदर्भ में गैर-बराबर व्यवसाय के अनुपात को लगातार और लाभदायक तरीके से बढ़ाते हैं। इससे पहले अडानी समूह के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने भी अडानी के प्रबंधन से मिलने की बात कही थी।


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या है?

25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े। इसी रिपोर्ट के आने के बाद शेयर बाजार में भूचाल आ गया था और देखते ही देखते अडानी ग्रुप के शेयर धराशाई हो गए थे।

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