कोरोना का डर: गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के 50 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, IMA से बैन की अपील

ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से हाल ही में डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने वाले 92 डॉक्टरों में से 50 ने इस्तीफा दे दिया है। ये सभी मेडिकल ऑफिसर्स थे, इन्हें 1 अप्रैल को ही कोरोना से लड़ने के लिए तीन महीने के लिए संविदा पर रखा गया था।

फोटो: सोशल मीडिया 
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पवन नौटियाल @pawanautiyal

कोरोना महामारी से स्वास्थ्य महकमे के बड़े-बड़े अफसरों के चपेट में आने के बाद अब इसका खौफ डॉक्टरों में भी दिखाई देने लगा है। ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से हाल ही में डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने वाले 92 डॉक्टरों में से 50 ने इस्तीफा दे दिया है। ये सभी मेडिकल ऑफिसर्स थे, इन्हें 1 अप्रैल को ही कोरोना से लड़ने के लिए तीन महीने के लिए संविदा पर रखा गया था। सोशल मीडिया पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से मांग की जा रही है कि कर्तव्य से भागने वाले डॉक्टरों की डिग्री रद्द की जाए।

अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। हालांकि राज्य में एस्मा लागू है, इसे लागू होने के बाद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग ड्यूटी से पीछे नहीं हट सकते हैं। गजराजा मेडिकल कॉलेज में 114 लोगों की संविदा पर नियुक्ति हुई थी, जिसमें 92 लोग ही ज्वाइन किए। संविदा पर नियुक्त इन डॉक्टरों की ड्यूटी सुपर स्पेशलिटी और आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई थी। 50 इस्तीफा देकर चले गए हैं। संविदा पर नियुक्त 42 डॉक्टर ही यहां बचे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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जीआरएमसी प्रबंधन मुताबिक कहा गया कि हमने सरकार के आदेश पर 92 डॉक्टर्स की इंटर्नशिप पूरी होने पर कोविड—19 में इमरजेंसी के लिए तीन माह के लिए संविदा नियुक्ति पर पदस्थ किया था। इसी बीच मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल का नया आदेश आया, जिसमें कहा गया जो डॉक्टर्स इच्छुक है वो सेवाएं दे सकते हैं। आदेश में इच्छुक शब्द आते ही 50 डॉक्टर्स ने तत्काल इस्तीफा दे दिया है।

जीआरएमसी के जनसंपर्क अधिकारी केपी रंजन ने बताया कि 31 मार्च तक जिन डॉक्टरों ने इंटर्नशिप कर ली थी उनको 3 महीने के अनुबंध पर 1 अप्रैल से नियुक्ति दे दी गई थी।114 लोगों को नियुक्ति दी गई थी।जिसमें 92 डॉक्टर्स ने जॉइन किया था अब 50 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। डॉक्टरों के इस्तीफों को स्वीकार कर लिया गया है।एस्मा लगने से पहले डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया।हालांकि एस्मा लगने के बाद भी 25-30 लोगों ने इस्तीफा दिया है।जिनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं।हालांकि केपी रंजन का कहना है कि पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं।

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