भारतीय डॉक्टरों को मिली कामयाबी, अब सीने का X-Ray बताएगा मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं 

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के कई जिलों से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की छाती का एक्स-रे मंगाकर इस पर काम शुरू कर दिया है। अब ये जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल में जाएगा। लखनऊ के केजीएमयू हॉस्पिटल ने बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी है

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

एक और जहां कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत में भी डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम दिन रात मेहनत कर रही है। वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस महामारी की जांच में कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अब इस परेशानी की समस्या से निजात मिल सकती है। दरअसल, लखनऊ के केजीएमयू और अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत एक प्रोग्राम तैयार किया है। इस प्रोग्राम के तहत केवल सीने के एक्स-रे से पता चल जाएगा कि मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं।

इसे भी पढ़ें- कोरोना: दुनिया में अब तक 2 लाख 77 हजार से ज्यादा मौतें, संक्रमित 40 लाख के पार, कम टेस्टिंग करने वाले देश सावधान!

दरअसल, कोरोना संक्रमित मरीजों की कई जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई और बाद में पता चला कि उसे कोरोना संक्रमण है। ऐसे कई केस सामने आए हैं जिनमें कोरोना जांच किट ने कई बार गलत रिपोर्ट दी है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के केजीएमयू और अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी जांच को और मजबूत बनाने के क्रम में काफी दिनों से शोध कर रहे थे। अब दोनों संस्थानों ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत एक प्रोग्राम तैयार किया है। जिससे सिर्फ सीने यानी छाती का एक्स-रे देखकर यह पता चल पाएगा कि मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं।


किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के कई जिलों से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की छाती का एक्स-रे मंगाकर इस पर काम शुरू कर दिया है। अब ये जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल में जाएगा। लखनऊ के केजीएमयू हॉस्पिटल ने बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि चीन और अमेरिका के बाद केजीएमयू जल्द ही एक्स-रे देखकर कोविड मरीजों की पहचान करेगा। एक्स-रे से ना सिर्फ कोविड मरीजों का पता चलेगा बल्कि फेफड़े के संक्रमण से यह भी पता लग पाएगा कि मरीज कब और कितनी जल्दी ठीक हो सकता है। बता दें कि जब चीन में रैपिड टेस्ट कम हो रहे थे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यह तरीका कारगर साबित हुआ था। इस मॉडल में कोविड-19 रोगियों की पहचान करने का काम अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और कुछ अन्य देशों भी कर रहे हैं। अब जल्दी भारत में केजीएमयू में यह शुरू होने जा रहा है।

बता दें, देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3277 नए मामले सामने आए हैं और 127 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 62,939 हो गई है, जिनमें 41,472 सक्रिय हैं, 19,358 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 2109 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं आज ओडिशा में 58,कर्नाटक में 53, आंध्र प्रदेश में 50, राजस्थान में 33 और बिहार में 18 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

इसे भी पढ़ें- लॉकडाउन: मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों को फिर से शुरू करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी, जानें गाइडलाइन में क्या है

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 10 May 2020, 4:30 PM
/* */