लोकतंत्र देश की सबसे बड़ी गलती, वोट देकर हमने पैदा किए हैं भ्रष्ट नेता, सरकारी अफसर का अजीबोगरीब बयान
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक अफसर ने अजीबोगरीब बयान देते हुए लोकतंत्र को सबसे बड़ी गलती करार दिया है। साथ ही कहा है कि, "वोट डालकर हमने सिर्फ भ्रष्ट नेता ही बनाए हैं"।
![फोटो: IANS](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2022-07%2F4b5f48ca-10f0-4184-85c1-3b335ee06a6b%2F41d017a5fbeb866d9b089e0276932561.jpg?rect=0%2C0%2C1280%2C720&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक अफसर ने अजीबोगरीब बयान देते हुए लोकतंत्र को सबसे बड़ी गलती करार दिया है। साथ ही कहा है कि, "वोट डालकर हमने सिर्फ भ्रष्ट नेता ही बनाए हैं"। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे शिवपुरी जिले में पदस्थ अपर कलेक्टर उमेश शुक्ला का बताया जा रहा जिसमें वह लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं।
इस वीडियो में एडीएम उमेश शुक्ला बोल रहे हैं कि- लोकतंत्र हमारे देश की सबसे बड़ी गलती, वोट डालकर हमने भ्रष्ट नेता पैदा किए। इतना ही नहीं शुक्ला आगे कह रहे हैं कि वोट डालकर आप क्या करोगे और अब तक हमने भी वोट डालकर क्या किया है।
बताया जाता है कि कुछ कर्मचारी कर्तव्य मतपत्र के संबंध में चर्चा करने के लिए गए हुए थे, तभी एक प्रत्याशी भी वहां था और उस प्रत्याशी ने इन कर्मचारियों को कर्तव्य मतपत्र देने की बात कही। शिवपुरी तहसील कार्यालय में मतपत्र खत्म हो जाने के बाद कुछ कर्मचारी कर्तव्य मतपत्र को लेकर एडीएम से चर्चा करने के लिए गए थे, तभी यह वीडियो बना लिया गया।
इस वीडियो में एडीएम शुक्ला यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जो यह कैमरा है इसे बंद कर लें, शुक्ला को लगा कि कैमरा बंद हो गया है और उन्होंने अपनी बात कह डाली।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने लिखा है यह वीडियो शिवपुरी के अपर कलेक्टर उमेश शुक्ला का बताया जा रहा है जिसमें लोग वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने आए तो, यह कह रहे हैं कि वोट डालकर कितने भ्रष्ट नेता पैदा किए। वोट डालना सबसे बड़ी गलती अब जब अधिकारी ही जनता से ऐसा कहेंगे तो मतदान प्रतिशत कैसे बढ़ेगा।
हाल के दिनों में लोकतंत्र और संविधान पर सवाल उठाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। कुछ दिन पहले केरल सरकार के एक मंत्री ने संविधान पर सवाल उठाए थे। हालांकि बाद में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीपीएम के नेता साजी चेरियन ने संविधान की आलोचना करते हुए कहा था कि यह शोषण करने वालों को माफ करता है। इसे इस तरह से लिखा गया है कि देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को लूटा जा सके।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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