आज चुनाव हों तो बिहार में हो जाएगा एनडीए का सफाया, आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन जीतेगा 40 में से 29 लोकसभा सीटें

अगर आज लोकसभा चुनाव हुए तो बिहार में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के सामने बीजेपी-जेडीयू कीअगुवाई वाले एनडीए का सफाया हो जाएगा। यह अनुमान स्पिक मीडिया नेटवर्क के प्री-पोल सर्वे में लगाया गया है।

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नवजीवन डेस्क

बिहार में सीटों के बंटवारे बजाए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके गठबंधन सहयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इससे बड़ी चिंता के संकेत सामने आए हैं। 17 जुलाई को जारी एक प्री-पोल सर्वे के अनुमान के मुताबिक बिहार में एनडीए को अगले लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान होने वाला है। समाचार संस्था स्पिक मीडिया नेटवर्क ने पिछले महीने तमिलनाडु के प्री-पोल सर्वे के नतीजों का ऐलान करते हुए बताया था कि अगर अभी चुनाव हों तो मोदी और बीजेपी से नजदीकियों के चलते तमिलनाडु में एडीएमके का सफाया होगा, और डीएमके-कांग्रेस की वापसी होगी।

स्पिक मीडिया नेटवर्क ने अब बिहार के प्री-पोल सर्वे के नतीजे जारी किए हैं। इसमें अनुमान लगाया गया है कि लालू यादव की आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन के सामने बिहार में एनडीए की हालत खस्ता होने वाली है।

स्पिक मीडिया ने सर्वे में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन को 40 में से 29 लोकसभा सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, जबकि बीजेपी-जेडीयू और राम विलास पासवान की एलजेपी गठबंधन के हिस्से में मात्र 7 सीटें जाने की संभावना जताई गई है। स्पिक मीडिया का कहना है कि वह बिहार की 40 में से 4 सीटों का अनुमान नहीं लगा पाई है।

स्पिक सर्वे के मुताबिक बिहार में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के हिस्से में 61 फीसदी वोट आने की संभावना है। स्पिक के सर्वे के मुताबिक नीतीश कुमार की जेडीयू को एनडीए के बाकी दलों के मुकाबले ज्यादा वोट मिल सकते हैं।

तेजस्वी सबसे लोकप्रिय नेता, मोदी चौथे पायदान पर

स्पिक सर्वे में कहा गया है कि बिहार में अब नीतीश कुमार का जादू फीका पड़ चुका है और वह सबसे लोकप्रिय नेता नहीं रहे। सर्वे के मुताबिक लोकप्रियता के पैमाने पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव पहले नंबर पर हैं और उन्होंने नीतीश को दूसरे पायदान पर धकेल दिया। तीसरे स्थान पर लालू यादव हैं और उनके पीछ चौथे स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। लोकप्रियता के ये आंकड़े सर्वे के उन आंकड़ों की पुष्टि करते हैं जिसमें कहा गया है कि सर्वे में शामिल बिहार के लोग केंद्र सरकार से खुश नहीं हैं:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से बिहार के लोग नाखुश हैं
  • सर्वे में शामिल लोगों का मानना है कि देश की आर्थिक हालत पिछले चार वर्षों (2014-18) के दौरान खराब हुई है।
  • लोगों को लगता है कि केंद्र सरकार ने बिहार की बुनियादी जरूरतों तक का ध्यान नहीं रखा

स्पिक सर्वे 8 जून से 9 जुलाई 2018 के बीच किया गया था। इसमें स्पिक ने 371 प्रशिक्षित फील्ड इंवेस्टिगेटर और 323 अनुवादकों को लगाया था, जिन्होंने सर्वे में शामिल लोगों से सीधे बात की। बिहार के इस पहले सर्वे को स्पिक मीडिया के लिए बैंग्लुरु की कंपनी आईईटेक ग्रुप ने किया। सर्वे में हर विधानसभा क्षेत्र से करीब 1500 लोगों से संपर्क किया गया और सर्वे में 3,64,500 लोगों से बात करने का लक्ष्य था।

स्पिक मीडिया के पूरे सर्वे को स्पिक मीडिया की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

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