राहुल ने बेरोजगारी पर PM को घेरा, ‘अंधकार में 2 करोड़ परिवारों का भविष्य, अब नहीं छिप सकता अर्थव्यवस्था का सच’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर कोरोना काल में देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा है कि पिछले चार महीने में करीब दो करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं।

फोटो: सोशल मीडिया
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पवन नौटियाल @pawanautiyal

कोरोना वायरस महामारी ने ना सिर्फ अर्थव्यवस्था बल्कि नौकरी पेशा वालों की भी कमर तोड़कर रख दी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कोरोना काल के बीच यानी अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। ये अपने आप में हैरान करने वाले आंकड़े हैं। उधर, लगातार बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर बढ़ती बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार को घेरा है।

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4 महीनों में क़रीब 2 करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवाई: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक समाचार पोर्ट की खबर का हवाला देते हुए केंद्र में बैठी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पिछले 4 महीनों में क़रीब 2 करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवायी हैं। राहुल गांधी ने कहा कि 2 करोड़ परिवारों का भविष्य अंधकार में है। राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि फेसबुक पर झूठी खबरें और नफ़रत फैलाने से बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था के सर्वनाश का सत्य देश से नहीं छुप सकता है। आपको बता दें, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। रिपोर्ट की माने तो पिछले महीने यानी जुलाई में लगभग 50 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में 1.77 करोड़ और मई में लगभग 1 लाख लोगों की नौकरी गई। जून में लगभग 39 लाख नौकरियां मिली लेकिन जुलाई में करीब 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई।

‘वेतनभोगी नौकरियां 2019-20 के औसत से लगभग 1.90 करोड़ कम हैं'

जिस खबर का हवाला कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिया है उसमें लिखा गया है कि सीएमआईई के सीईओ महेश व्यास ने कहा है कि, ‘वेतनभोगियों की नौकरियां जल्दी नहीं जाती, लेकिन जब जाती है तो, दोबारा पाना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए ये हमारे लिए चिंता का विषय है।’ उन्होंने कहा, ‘वेतनभोगी नौकरियां 2019-20 के औसत से लगभग 1.90 करोड़ कम हैं।’ अनुमानों के मुताबिक देश में कुल रोजगार में वेतनभोगी रोजगार का हिस्सा केवल 21 फीसदी है। अप्रैल में कुल जितने लोग बेरोजगार हुए उनमें इनकी संख्या केवल 15 फीसदी थी। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर विभिन्न सेक्टर की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन काटे या फिर उन्हें बिना भुगतान के छुट्टी दे दी।

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