सीमा पार से घुसपैठ की फिराक में हैं आतंकवादी, सतर्क हैं सुरक्षा बल: बीएसएफ आईजी
बीएसएफ के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने कहा, “बर्फबारी से पहले हमेशा घुसपैठ की कोशिशें होती हैं। अभी लगभग दो महीने बाकी हैं और नवंबर तक घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। आतंकवादी इस अवधि में अधिक सक्रिय रहते हैं।"

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने शनिवार को कहा कि सीमा पार से आतंकवादी कश्मीर घाटी में घुसपैठ की फिराक में हैं, लेकिन सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं और ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए तैयार हैं।
यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सर्दी की शुरुआत से पहले घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशें आमतौर पर तेज हो जाती हैं।
नवंबर तक घुसपैठ की आशंका
उन्होंने कहा, “बर्फबारी से पहले हमेशा घुसपैठ की कोशिशें होती हैं। अभी लगभग दो महीने बाकी हैं और नवंबर तक घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। आतंकवादी इस अवधि में अधिक सक्रिय रहते हैं। लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण घुसपैठ करना बहुत मुश्किल है।”
उन्होंने बताया कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दूसरी ओर मौजूद हैं और घाटी में घुसपैठ करने के मौके की तलाश में हैं।
घुसपैठ की प्रतीक्षा में आतंकी
बीएसएफ के अधिकारी ने कहा, “बांदीपोरा और कुपवाड़ा सेक्टरों में एलओसी के पार आतंकवादी सक्रिय हैं। वे घुसपैठ की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी है। कई बार वे खराब मौसम का इंतजार करते हैं, ताकि उसका फायदा उठा सकें। घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं और हम हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं।”
घुसपैठ की दो कोशिश नाकाम
यादव ने कहा कि सेना और बीएसएफ नियंत्रण रेखा पर अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों की मदद से कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सेना के साथ मिलकर हम एलओसी पर पूरी मजबूती से नियंत्रण बनाए हुए हैं। इस वर्ष सुरक्षा बलों ने अब तक घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम किया है। हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करना बेहद कठिन है, क्योंकि हम पूरी सतर्कता से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। हमारे पास नई तकनीक और निगरानी के अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं।”
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