केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने राकेश टिकैत को बताया 2 कौड़ी का आदमी, किसानों के धरने पर बोले- कुत्ते भौंकते रहते हैं

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने राकेश टिकैत को दो कौड़ी का इंसान बताया है। टेनी इस दौरान आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते भी दिखे।

फोटो: सोशल मीडिया
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रवि प्रकाश @raviprakash24

किसान संगठन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ एक बार फिर से हमलावर हो गए हैं। लखीमुपर खिरी में हुए प्रदर्शन के बाद किसानों ने सोमवार को जंतर मंतर पर महापंचायत कर मोदी सरकार पर हमला बोला। साथ ही उन्होंने अजय टेनी को हटाने की मांग भी की। इसी बीच अजय टेनी ने किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने राकेश टिकैत को दो कौड़ी का इंसान बताया है। टेनी इस दौरान आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते भी दिखे। दरअसल टेनी लखीमपुर में अपने समर्थकों से बात कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने राकेश टिकैत पर अभद्र टिप्पणी की।

मैं राकेश टिकैत को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं दो कौड़ी का आदमी है: टेनी

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा, "जिसका जो व्यवहार होता है, वह उसके अनुरूप व्यवहार करता है। चाहे जितने राकेश टिकैत विकैत जितने आएं। मैं राकेश टिकैत को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं दो कौड़ी का आदमी है। दो बार चुनाव लड़ा, दोनों बार जमानत जब्त हो गई।“

अजय मिश्रा टेनी ने राकेश टिकैत पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का व्यक्ति किसी का विरोध करता है तो उसका कोई मतलब नहीं होता है। इसलिए मैं ऐसे लोगों को जवाब भी नहीं देता हूं।

कांग्रेस का पीएम मोदी पर हमला 

टेनी के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा, “किसानों के प्रदर्शन के विरोध में बीजेपी के गृह राज्य मंत्री का बयान- “कुत्ते भौंकते रहते हैं” यह अजय मिश्र टेनी का वक्तव्य है। इन्हीं का बेटा लखीमपुर किसान नरसंहार का मुख्य अभियुक्त है। टेनी जी मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री बने हुए हैं और बयान देना भी जारी है।“


2.20 मिनट का है वीडियो

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहते हैं, "काफिला चलता रहता है कुत्ते भौंकते रहते हैं। मान लीजिए हम लोग लखनऊ जा रहे हैं। लखनऊ गाड़ी से बैठकर जा रहे हैं। सड़क पर कई बार होता है कि कुत्ते भौंका करते हैं। कई बार कुत्ते गाड़ी के पीछे दौड़ने लगते हैं। मैंने आपको उनका स्वभाव बताया। इसके लिए मैं कुछ नहीं कहूंगा। जिसका जो स्वरूप होता है। उसके अनुरूप वह व्यवहार करता है। लेकिन हमारा ऐसा स्वभाव नहीं है।

जो चीज जब सामने आती है। जब हिम्मत जुटा पाएंगे तो मैं हर एक व्यक्ति को पूरा पूरा जवाब देता हूं। (कार्यकर्ताओं से बोलते हुए) आपके भरोसे से, आपने जो मुझे ताकत दी है उससे मेरे अंदर बहुत आत्मविश्वास आया है। आप मुझे ऐसे ही ताकत देते रहिए। दुनिया की कोई ताकत आपको निराश नहीं होने देगी।

आप सब की ताकत के बल पर चाहे जितने राकेश टिकैत फिकैत आवें। चूंकि मैं राकेश टिकैत को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। 2 कौड़ी का आदमी है वो। हमने देखा है कि दो बार चुनाव लड़ा दोनों बार जमानत रद्द हो गई। इस तरह का व्यक्ति किसी का विरोध करता है तो उसका कोई मतलब नहीं होता है। ऐसे लाेगाें को जवाब देने का कोई औचित्य नहीं होता है।

लेकिन इसी से उनकी राजनीति और रोजी रोटी चल रही है तो वह चलाएं। समय आने पर जवाब दिया जाएगा। मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि मैंने अपने जीवन में कोई गलत काम नहीं किया है। दुनिया की कोई भी ताकत...मैं सही के लिए लड़ रहा हूं। मैंने सौ में एक गलती भी नहीं की है। सत्य कभी हारता नहीं है। कुछ पत्रकार भी अपने यहां इस तरह की बातें करते हैं। उनका पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं है लेकिन ऐसी उल्टी सीधी बातें करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की जाती है।"

अजय मिश्रा टेनी पत्रकारों को भी दे चुके हैं धमकी

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब टेनी ने किसी के खिलाफ विवादित बोल बोले हैं। अपने बयानों सकी वजह से टेनी पहले भी विवादों में आए हैं। इससे पहले उन्होंने लखीमपुर कांड को लेकर सवाल पूछने वाले पत्रकार को भी धमका चुके हैं। इतना ही नहीं इस दौरान तो टेनी पत्रकार को मारने दौड़ पड़े थे। साथ ही उन्होंने पत्रकार के साथ अभद्रता भी की थी।


सयुंक्त किसान मोर्चा का लखीमपुर और दिल्ली में टेनी के खिलाफ हल्लाबोल

बता दें कि लखीमपुर में सयुंक्त किसान मोर्चा ने 75 घंटे धरने के बाद, किसानों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महापंचायत कर केंद्र सरकार पर हमला बोला। महापंचायत में किसानों ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। साथ ही किसान नेताओं ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की भी मांग की है।

लखीमपुर में क्या हुआ था ?

लखीमपुर के तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे किसान प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से कुछ गाड़ियां किसानों को रौंदते हुए निकल गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो बीजेपी कार्यकर्ता शामिल थे।

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Published: 23 Aug 2022, 11:09 AM